बीआरडी के कोविड वार्ड के स्टाफ नर्स और वार्ड ब्याय का आंदोलन जारी

गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज के 500 बेड के बाल रोग चिकित्सा संस्थान में बनाए गए कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे 215 स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वाय का आन्दोलन बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। स्टाफ नर्स और वार्ड व्वाय पांच महीने से वेतन नहीं मिलने और नौकरी से छुट्टी किए जाने के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। उनका आंदोलन दिन और रात चल रहा है। उनके आंदोलन को कांग्रेस सहित कई दलों ने समर्थन दिया है।

बुधवार की सुबह स्टाफ नर्स और वार्ड व्वाय मुख्यमंत्री से भी मिले और उनके समक्ष अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने डीएम से पूरे मामले को देखने को कहा।

बीआरडी मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य ने आंदोलनकारी स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वाय को केवल यह आश्वासन देते रहे कि कि उनका वेतन दिलवा दिया जाएगा लेकिन नौकरी में रखने की गारंटी वह नहीं लेंगे। उन्होंनेयह भरोसा दिलाने में भी असमर्थता जतायी कि स्टाफ नर्स और वार्ड व्याय को बीआरडी मेडिकल कालेज में नियुक्ति में वरीयता दी जाएगी।

बीआरडी मेडिकल कालेज के 500 बेड के बाल रोग चिकित्सा संस्थान में अगस्त महीने में कोविड वार्ड बनाया गया है। मरीजांे के इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कालेज ने आउट सोर्सिंग के जरिए तीन एजेंसियों के मार्फत 161 स्टाफ नर्स और 54 वार्ड ब्वाय की नियुक्ति की। ये नियुक्तियां प्रिंसिपल सिक्योरिटी और हर्ष इंटर प्राइजेज नाम की आउट सोर्सिंग कम्पनियों के जरिए की गई। इसी तरह बीआईएस के मार्फत 50 से अधिक स्वीपर की तैनाती कोविड वार्ड में की।

आंदोलन में शामिल स्टाफ नर्स एवं वार्ड ब्वाय ने बताया कि उन्हें यह कहकर भर्ती किया गया कि कम से कम पांच साल तक उनकी नौकरी पक्की रहेगी और उन्हें आगे बीआरडी मेडिकल कालेज में नियमित किया जाएगा। इस भरोसे पर वे प्राइवेट अस्पतालों की नौकरी छोड़ कर यहां पर काम करने आयीं। उन्हें पहले 28 हजार रूपए वेतन देने को कहा गया लेकिन तैनाती हो जाने के बाद कहा गया कि उन्हें 16,500 रूपए सेलरी मिलेगी जिसमें से दो हजार रूपए पीएफ के कटेंगे। सभी ने अपनी जान को खतरे में डालते हुए पूरी निष्ठा और कर्मठता से कोविड रोगियों का इलाज किया लेकिन उन्हें सितम्बर महीने में ही सेलरी मिली। इसके बाद से आज तक उन्हें वेतन के रूप में एक पाई तक नहीं मिला। अब उन्हें पता चला है कि उन्हें काम से निकाला जा रहा है और बीआरडी मेडिकल प्रशासन का कहना है कि उन्हें सिर्फ कोविड काल के लिए नौकरी दी गई है।

पांच महीने से वेतन नहीं पाने से पहले से परेशान स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वाय को जब यह पता चला कि उनकी नौकरी समाप्त की जा रही है तो वे सदमे में आ गए। चार स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वाय बीआरडी मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य से मिलने गए तो उन्होंने कहा कि उनकी सेवाएं कोविड काल के लिए ही ली गई थीं। उनके वेतन व अन्य देयकों से बीआरडी मेडिकल कालेज का कोई लेना देना नहीं है। यह हिसाब आउटसोर्सिंग कम्पनियां करेंगी।

यह सुन स्टाफ नर्स व वार्ड ब्वाय आक्रोशित हो गए और बीआरडी मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने लगे। इन्होंने आज पूरे दिन धरना-प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि उनका बकाया वेतन दिया जाए और उनकी नौकरी जारी रखी जाए। यदि उनकी जरूरत कोविड वार्ड में नहीं है तो उन्हें बीआरडी मेडिकल कालेज के दूसरे वार्डों में तैनात कर सेवा ली जाए।

कई स्टाफ नर्स और वार्ड ब्वाय ने बताया कि उनकी नियुक्ति में आउस सोर्सिंग कम्पनियों ने रिश्वत ली है। उनके साथ भारी धोखा किया गया है और इस धोखे में आउट सोर्सिंग कम्पनियों के साथ-साथ बीआरडी मेडिकल कालेज प्रशासन भी शामिल है।

मंगलवार की सुबह से जारी आंदोलन लगातार जारी है। उनका कहना है कि मांग पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।