उन्नाव की घटना के विरोध में दिशा छात्र संगठन और स्त्री मुक्ति लीग ने मार्च निकाला

गोरखपुर। दिशा छात्र संगठन और स्त्री मुक्ति लीग ने 19 फरवरी को उन्नाव जिले में दो बच्चियों की मौत और एक के मरणासन्न होने की घटना के ख़िलाफ़ हरिओम नगर स्थित राम प्रसाद बिस्मिल तिराहे से विरोध मार्च निकाला।

दिशा छात्र संगठन के राजू कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश के उन्‍नाव जिले में स्‍त्री-विरोधी हिंसा की एक और वीभत्‍स वारदात सामने आयी है। असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गाँव में बुधवार देर शाम एक खेत में तीन दलित किशोरियाँ बेहोशी की हालत में कपड़े से बँधी मिलीं। तीनों किशोरियाँ मवेशियों के लिए चारा लेने खेत में गयी थीं। उनमें से दो सगी बहने थीं और एक चचेरी बहन थी। अस्‍पताल में ले जाने के बाद दो बहनों ने दम तोड़ दिया और एक की हालत गम्‍भीर बनी हुई है। उनके भाई ने मीडिया को बताया है कि उनकी किसी से कोई दुश्‍मनी नहीं थी। अस्‍पताल में ले जाते समय तीनों किशोरियों के मुँह से झाग निकल रहा था जिससे यह आशंका जतायी जा रही है कि उन्‍हें कीटनाशक खिलाकर मारने की कोशिश की गयी थी।

राजधानी लखनऊ से मात्र 36 किलोमीटर दूर अंजाम दी गयी इस वीभत्‍स वारदात के सामने आने के बाद पिछले साल हाथरस की घटना की ही तर्ज़ पर उत्‍तर प्रदेश पुलिस ने पूरे गाँव को छावनी में तब्‍दील कर लिया है और किशोरियों के परिजनों को नज़रबन्‍द कर लिया है और उन्‍हें मीडिया से बात करने पर पाबन्‍दी लगा दी है। पूरा घटनाक्रम एक बार फिर दिखाता है कि योगी सरकार प्रदेश में स्त्रियों को सुरक्षा देने में बुरी तरह नाकाम है और दबंग अपराधी बेलगाम अपने घृणित कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। हाथरस की घटना के बाद दुनियाभर ने छीछालेदर करवाने के बाद योगी सरकार ने ‘ऑपरेशन शक्ति’ ‘ पिंक बूथ’ जैसे दिखावटी क़दम उठाये जिनकी पोल जल्‍द ही खुलने लगी है।

स्त्री मुक्ति लीग की प्रतिभा ने कहा कि आज पूरे समाज में घटिया स्तर के गाने फूहड़ विज्ञापन परोसा जा रहा है जिससे समाज में ऐसी घटनाएं और बल पा रही है। हम युवाओं की यह मांग होनी चाहिए कि ऐसे घटिया विज्ञापनों, गानों पर प्रतिबंध लगे ऐसे शोहदो,  लम्पटो से मुकाबला करने के लिए छात्र छात्राओं के दस्ते बनाने होंगे। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रतिभा ,माया ,मनोरमा ,दीपक ,विकास ,राजू ,आसिया इत्यादिन नौजवान शामिल हुए।