लखनऊ में बना जनगणना का नेशनल डाटा सेंटर, महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त ने किया उद्घाटन

लखनऊ।  महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने 26 फरवरी को जनगणना कार्य निदेशालय, उत्तर प्रदेश में आगामी जनगणना हेतु बनाए गए “डाटा सेंटर” का उद्घाटन किया।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि आगामी जनगणना देश की पहली डिजिटल जनगणना है जिसमें मोबाईल एप के द्वारा भारत के नागरिकों की गणना की जाएगी। प्रगणक जनगणना हेतु विकसित एप का उपयोग कर डाटा एकत्रित करेंगे। इस डाटा के संकलन हेतु पूरे भारत में तीन राष्ट्रीय आंकड़ा केंद्र बनाए गए हैं जिसमें से उत्तर भारत का इकलौता केंद्र लखनऊ में स्थापित किया गया है जिसका आज शुभारंभ हो रहा है। अन्य दो केंद्र दिल्ली तथा बंगलोर में स्थापित किए गए हैं। यह आंकड़ा केंद्र भारत की जनगणना 2021 से संबंधित सम्पूर्ण आंकड़ों को संग्रहित करेगा। जनगणना 2021 भारत के ‘डिजिटल इंडिया’ मिशन को साकार रूप प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण चरण होगा।

उत्तर प्रदेश के जनगणना कार्य निदेशक नरेन्द्र शंकर पाण्डेय कहा कि भारतीय जनगणना भारत के लोगों की विभिन्न विशेषताओं पर सांख्यिकीय जानकारी का सबसे बड़ा स्रोत है। भारत में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी, आगामी जनगणना देश की सोलहवीं तथा आजादी के बाद आठवीं जनगणना होगी। उन्होंने कहा कि भारत की पहली डिजिटल जनगणना के आंकड़ों के संधारण के लिए बनाए गए “राष्ट्रीय आंकड़ा केंद्र” के आपदा प्रतिपूर्ति स्थल की स्थापना लखनऊ में किया जाना राज्य के लिए गौरव का विषय है। यह केंद्र किसी भी आपदा की दशा में दिल्ली में स्थापित राष्ट्रीय आंकड़ा केंद्र को डाटा की प्रतिपूर्ति करेगा।

उप महारजिस्ट्रार प्रदीप कुमार ने उत्तर भारत का इकलौता केंद्र लखनऊ में स्थापित करवाने के लिए भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त का आभार व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कियह राष्ट्रीय आंकड़ा केंद्र देश की आशाओं पर खरा उतरेगा।

इस अवसर पर अपर महारजिस्ट्रार संजय, तकनीकी निदेशक मोहन सिंह थापा, संयुक्त निदेशक ए. एम. अंसारी, कार्यालय अध्यक्ष ए. के. राय, उप निदेशक श्री अनुपम सिंह सोमवंशी,एस. एस. शर्मा, राममूर्ति, अरून कुमार, संतोष कुमार मिश्र आदि उपस्थिति थे।