कुशीनगर। टर्मिनल बिल्डिंग का कार्य पूरा होते ही कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा उड़ान भरने को पूरी तरह तैयार हो गया है। दो दशक बाद इसे प्रदेश का तीसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा होने का गौरव प्राप्त हुआ है। एयरपोर्ट टर्मिनल की विशेष खूबियां इसे देश के सभी हवाईअड्डों से अलग करती है। जर्मन फेब्रिक तकनीक व जापान की बौद्ध स्थापत्य शैली में बनी यह देश की पहली टर्मिनल बिल्डिंग है। सबसे बड़ी बात की इस बिल्डिंग को बनाने में कंक्रीट मटेरियल का इस्तेमाल नही किया गया है।
वैसे तो एयरपोर्ट से उड़ान के लिए सभी कार्य व औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है किंतु टर्मिनल बिल्डिंग व एयर ट्रैफिक कंटोल (एटीसी) का कार्य में विलंब हो रहा था। अब इन दोनों बिल्डिंग में आंशिक कार्य शेष रह गए हैं। इसे भी सप्ताह भीतर पूरा होने की बात कही जा रही है। वर्तमान में टर्मिनल बिल्डिंग व्यवस्थित किये जाने और परिसर की खूबसूरती निखारने का कार्य चल रहा है। बिल्डिंग में एयरलाइंस कम्पनियों, एएआई स्टाफ, सुरक्षा स्टाफ, जांच उपकरण, कैमरे आदि लगाए जाने का कार्य तेज है। दूसरी तरफ बाहर के क्षेत्र में पार्किंग, उद्यान आदि को व्यवस्थित किया जा रहा है। एटीसी बिल्डिंग में उपकरण लगाने व फिनिशिंग का कार्य अंतिम चरण में है।
एयरपोर्ट निदेशक ए के द्विवेदी ने बताया कि उड़ान की सभी तैयारियां मुकम्मल है। उड़ान शुरू करने के लिए सरकार से कभी भी हरी झंडी मिल सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से उड़ान की संभावना ने निवेशकों को आकर्षित करना शुरू कर दिया है। दिल्ली के युवा उद्यमी कुशल देव राठी व रुचिर राज पांडेय ने शनिवार को एयरपोर्ट अधिकारियों से उड़ान को लेकर बातचीत की और जरूरी जानकारी हासिल की। रुचिर पांडेय ने यहां इंटरनेशनल ब्रांड स्कूल का निर्माण करा रहे है। रियल स्टेट कारोबार से ताल्लुक रखने वाले कुशल देव ने होटल निर्माण में निवेश की मंशा रखते हैं।