दस्तक पखवाड़ा में मिला कालाजार रोगी, इलाज से हुआ स्वस्थ

कुशीनगर। दस्तक पखवाड़ा के तहत कालाजार रोगी खोजी अभियान में कुबेरस्थान ब्लाक के सेमरिया बाजार में एक कालाजार रोगी मिला, जो इलाज कराकर बीते 16 मार्च को ठीक हो गया। इससे पहले करीब तीन माह तक जानकारी के अभाव में मरीज इधर उधर इलाज कराता रहा, मगर फायदा नहीं हो रहा था। उक्त गांव में निरोधात्मक कार्यवाही एवं छिड़काव शुरू कर दिया गया है।

जिला मलेरिया अधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि 10 से 24 मार्च तक चले दस्तक पखवाड़ा में  कालाजार रोगी खोजने का भी अभियान चलाया गया।
अभियान के दौरान सेमरिया बाजार की आशा कार्यकर्ता नर्वदा देवी ने एक ऐसे रोगी को चिन्हित किया जो बीते दिसंबर माह से बुखार का इलाज गांव से लेकर कुशीनगर और गोरखपुर तक के निजी चिकित्सकों से भी करा चुका था, मगर ठीक नहीं हुआ।

आशा कार्यकर्ता ने उक्त व्यक्ति की केस हिस्ट्री के मुताबिक कालाजार की जांच कराने की सलाह दी। बीते 13 मार्च को हुई जांच में मरीज कालाजार पॉजिटिव पाया गया।

15 मार्च को उक्त रोगी को कुशीनगर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उपचार के बाद 16 मार्च को डिस्चार्ज कर दिया गया। अब वह ठीक बताया जा रहा है। कुबेरस्थान के सेमरिया बाजार में मिले कालाजार रोगी के मद्देनजर अब वहां निरोधात्मक कार्यवाही और छिड़काव तेज कर दिया गया है।

गुरूवार को डब्ल्यूएचओ के जोनल को आर्डिनेटर डॉ. सागर घोडेकर ने सेमरिया बाजार में छिड़काव का जायजा लिया तथा आशा कार्यकर्ता नर्वदा देवी का उत्साह वर्धन करते हुए छिड़काव कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया।

डब्ल्यूएचओ के जोनल कोर्डिनेटर ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी से फैलने वाली बीमारी है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों पर अंधेरे में पायी जाती है। यह छह फीट तक ही उड़ पाती है। इसके काटने से व्यक्ति बीमार हो जाता है। उसे बुखार चढ़ता- उतरता है। लक्षण दिखने पर चिकित्सक को दिखाना चाहिए। इस बीमारी से मरीज का पेट फूल जाता है। भूख कम लगती है। शरीर काला पड़ जाता है।

जिला अस्पताल में है इलाज की व्यवस्था

जिला मलेरिया अधिकारी ने यह भी बताया कि अब कालाजार का इलाज आसान हो गया है। मरीज के इलाज के लिए कुशीनगर जिला अस्पताल में अच्छी व्यवस्था की गयी है। दवा महंगी होने के बावजूद निःशुल्क है। आमजन से अपील है कि यदि कालाजार के लक्षण दिखे तो जांच कराकर जिला अस्पताल में इलाज कराएं। निजी चिकित्सक भी कालाजार रोगियों को जिला अस्पताल रेफर करें।