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27 वर्ष बाद मिलीं कार्मल की  47 छात्राएं , बांटी खुशी

1989 बैच का दो दिवसीय सिल्वर जुबली रि-यूनियन समारोह

गोरखपुर, 30 मई। कार्मल इंटर कालेज के हाईस्कूल 1989 बैच का दो दिवसीय सिल्वर जुबली रि-यूनियन समारोह टाउन हाल स्थित होटल शिवॉय में हुआ। बैच की देश-विदेश में रह रही करीब 47 पुरातन छात्राओं ने  27 साल बाद अपनी पुरानी यादों को फोटो, कविता, नृत्य, गायन सांस्कृतिक प्रोग्रामों के जरिये साझा किया।
बैच की सभी पुरातन छात्राओं ने मदर सुपिरियर व कार्मल प्रिंसपल सिस्टर एम सलीटा, हेलेन मेनडोनका के मार्गदर्शन में खड़े होकर कार्मल का गीत गाया। पुरातन छात्राओं ने स्कूल को पीतल का लैम्प, क्रिसमस ट्री सहित कई प्रकार के पौधे तोहफे में दिए। इसके बाद अध्यापिकाओं हरविंद कौर, गजला, फातिमा, मिसेज द्विवेदी, मिसेज लाल, फिलिप, इंदिरा जॉन, क्लीफर्ड, वेरेला, वीणा को तोहफों व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सभी पुरातन छात्राओं  ने  लाल रंग की ड्रेस पहन अनेकता में एकता का संदेश दिया।
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शाम को सांस्कृतिक प्रोग्राम हुआ जिसमें पुरातन छात्राओं ने ग्रुप डांसिंग, फैशन शो व गायन के जरिए खुशियां बांटी। पुराने दिनों को याद पुराने व नए फोटोग्राफ को प्रोजेक्टर के माध्यम से राजस्थान की डा. स्मिता गुलाटी सिंह ने प्रस्तुत किया। डा. नीना आस्थाना ने अपनी खुद की लिखी कविता को फ्रेम कर सभी पुरातन छात्राओं को सौंपा। डा. फातिमा शिबा ने सभी छात्राओें के मग पर बने फोटो की स्मृति के तौर पर दी। फिर से मिलने का संकल्प लेकर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। पुरा ग्रुप को मिलाने में रजनी केसरवानी व डा. स्मिता का अहम योगदान रहा।
इस दौरान आस्ट्रेलिया से रूपाली श्रीवास्तव, गुजरात से ज्योति वैश्य, गंगटोक से राधिका, कलकत्ता से परोमिता, मीनू, दिल्ली से रजनी, रिचा, जमशेदपुर से प्रेमलता, लखनऊ डा. फातिमा शिबा, अर्चना महेश्वरी  दिल्ली से अर्पणा श्रीवास्तव, पटना से रीतू झुनझुनवाला, अहमदाबा से चेन कुलेन, अर्जमुंद बानो, डा. शिबा खालिद, शालिनी पांडेय, नमिता देवी सहित अन्य प्रदेशां की पुरातन छात्राओं ने शिरकत की।
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वाह्टसएप ग्रुप के जरिए मिली 27 वर्ष बाद 47 पुरानी सहेलियां
सोशल मीडिया के जरिए बिछड़े लोगों के मिलने की बहुत सी खबरे अपनी सुनी होंगी। लेकिन आज हम आपको वाहट्सएप का एक ऐसा चमत्कार बता रहे है जिस के जरिए  27 वर्ष बाद 47 सहेलियां मिली बल्कि एक छत के नीचे दो दिन भी गुजारा। इतना ही नहीं यह सहेलिया विदेश से लेकर देश के कोने-कोने में फैली हुई है। और चौकाने वाली बात सुनिए दो माह पहले जुड़ी और आज एक छत के नीचे है। इनमें से कई डाक्टर, इंजीनियर, प्रिंसिपल सहित तमाम जिम्मदारियों को निभा रही है। गोरखपुर की रजनी केसरवानी ने दो माह पहले कार्मल बैच 1989 का ग्रुप वाह्टसएप पर बनाया। फिर एक दूसरे से जुड़ते-जुड़ते सारी सहेलिया मिल गयी।
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आस्ट्रेलिया में रह रही रूपाली श्रीवास्तव भी मिल गयी। सभी को एक दूसरे से मिलने की उत्सुकता थी। इसे अंजाम दिया राजस्थान की डा. स्मिता गुलाटी सिंह ने जगह चुनी गोरखपुर। 28 व 29 मई की तारीख तय हुई और फिर क्या था। सारी बिछ़ड़ी सहेलिया व अध्यापिकाएं एक छत के नीचे होटल शिवॉय में मिली और मिलकर कई तरीकों से खुशियां बांटी। इन 47 सहेलियों में हर प्रदेश दिल्ली, मुम्बई, लखनऊ, राजस्थान, अहमदाबाद, पटना, कानपुर आदि जगहों से है।

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