नरसिंहानंद के ख़िलाफ गोरखनाथ, तिवारीपुर और रामगढ़ ताल थाने में दी गई तहरीर

गोरखपुर। इस्लाम धर्म व पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले शिवशाक्ति धाम डासना के अधिष्ठाता यति नरसिंहानंद सरस्वती के ख़िलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तारी के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गोरखनाथ थाना में तहरीर दी। तिवारीपुर और रामगढ़ ताल थाना में भी तहरीर दी गई है।

मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी ने कहा कि हिन्दुस्तान का संविधान किसी भी धर्म के मजहबी पेशवा व किताब की तौहीन करने की इजाजत नहीं देता है। इसके बावजूद 1 अप्रैल 2021 को शिवशाक्ति धाम डासना के अधिष्ठाता यति नरसिंहानंद सरस्वती ने प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम व इस्लाम के बारे में घोर अपशब्द कहा है। नरसिंहानंद का गैर जिम्मेदाराना बयान दो समुदाय में नफ़रत फैलाने वाला है।

हाफ़िज रज़ी अहमद बरकाती ने कहा कि आये दिन दीन-ए-इस्लाम की मुकद्दस हस्तियों पैगंबर-ए-आज़म, क़ुरआन-ए-पाक, खुलफा-ए-राशिदीन, सहाबा, अहले बैत व औलिया किराम की शान में गुस्ताखी की जा रही है। जो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसी भी मजहब की मुकद्दस हस्तियों व किताबों की बेहुरमती करने का किसी को हक नहीं है।

तहरीर सौंपने वालों में मौलाना इमरान, हाफ़िज़ आरिफ, हाफ़िज आफताब, हाफ़िज़ रहमत अली, नदीम अहमद, मौलाना इसहाक, कारी मो. अनस रज़वी, माहताब आलम, हाफ़िज़ असलम बरकाती, मोहसिन खान, मौलाना सफ़र, सलाहुद्दीन, आज़ाद, सद्दाम हुसैन, अब्दुल कादिर, शहजादे खान, यासीन खान, पार्षद इरशाद अहमद, तनवीर आलम, परवेज़ आलम, हाजी बदरुल हसन, मो. शाहिद, हाफ़िज़ महमूद रज़ा आदि मौजूद रहे।

एक अन्य समाचार के अनुसार रविवार को तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत की बैठक जाहिदाबाद में हुई जिसमें सरकार से नफ़रत व जहरीला बयान देने वाले नरसिंहानंद पर सख्त कार्रवाई व गिरफ्तारी की मांग की गई। उलेमा ने एक स्वर में कहा कि पैगंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की तौहीन बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी (मुफ्ती-ए-शहर), कारी अफज़ल बरकाती, मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी (नायब काजी), मुफ्ती खुश मोहम्मद मिस्बाही, मौलाना रजिउल्लाह मिस्बाही, कारी मो. अनस रज़वी, कारी निज़ामुद्दीन, हाफ़िज़ बदरे आलम, हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी, हाफ़िज़ आमिर हुसैन निज़ामी, समीर आलम, सदरे आलम, अशरफ रज़ा आदि उलेमा शामिल हुए।