रंगीलाल को याद कर उदास है प्रेमचंद पार्क

सुजीत श्रीवास्तव 

गोरखपुर। प्रेमचंद पार्क के सबसे हँसमुख इंसान रंगीलाल जी को कोरोना महामारी ने हमसे छीन लिया। रंगीलाल जी की प्रेमचंद पार्क पर जूस , काफ़ी कार्नर और पान की दुकान थी।

वे एक सप्ताह पहले कोरोना पॉजिटिव हुए। रिपोर्ट आने के बाद होम क्वारन्टीन में रहते हुए वे जरूरी दवाइदवा ले रहे थे। तीन दिन पहले उन्हें सांस लेने में समस्या महसूस होने लगी। फिर उनका आक्सीजन लेवल कम होने लगा। घर के लोग उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुँचे और एडमिट कराया। कल रात इलाज के दौरान उन्होंने हमारा साथ छोड़ दिया।

आज प्रेमचंद पार्क की सभी दुकान उनके शोक में बंद है। रंगीलाल जी का हमारी नाट्य संस्था अलख कला समूह के साथियों से अद्धभुत प्रेम था। वे हमारी नाट्य संस्था (अलख कला समूह) के मजबूत सहयोगी के साथ नाट्य प्रेमी भी थे। हमारी संस्था जब भी नाटक करती वह अपने पूरे परिवार के साथ तन, मन, धन सहित उपस्थित रहते थे।

अलख कला समूह के सचिव बैजनाथ मिश्र ने रंगीलाल जी को याद करते हुए कहा कि रंगीलाल जी का जाना हमारे संस्था के लिए अपूरणीय क्षति है। अलख के सभी साथी दुखी मन से अपने साथी को याद कर कर रहे हैं।