संविदा एएनएम संघ ने कोरोना संक्रमण के कारण नियमित टीकाकारण को दो महीने टालने की मांग की

संविदा एएनएम को पीपीई किट, मास्क, ग्लब्स व अन्स सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने की भी मांग की

गोरखपुर। संविदा एएनएम संघ ने कोराना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए नियमित टीकाकरण को दो महीने टाल देने की मांग की है और इस सम्बन्ध मेें मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। संघ ने कोविड टीकाकरण में ड्यूटी कर रहीं सभी संविदा एएनएम को ग्लब्स, पीपीई किट, मास्क, सेेनेटाइजर सहित सभी में सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने की भी मांग की है।

सविदा एएनएम संघ ने पत्र में लिखा है कि नियमित टीकाकरण के दौरान पांच वर्ष से छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाआंे को टीका लगता है। ये दोनों कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अभी किसी भी टीके से वंचित हैं। इनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौरान यदि नियमित टीकाकरण जारी रहता है तो छोटे बच्चे व गर्भवती महिलाएं बड़ी संख्या में संक्रमित हो सकते हैं।

संघ के प्रदेश अध्यक्षत प्रेमलता पांडेय ने कहा कि एक मई से 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को भी कोविड का वैक्सीन है। टीकाकारण का कार्य एएनएम से ही कराया जाएगा। पूरे प्रदेश में करीब 16 हजार संविदा एएनएम टीकाकरण कार्य में लगेंगी लेकिन अभी तक उनको जरूरी सुरक्षा उपकरण जैसे-पीपीई किट, मास्क, ग्लब्स, सेनेटाइजर आदि उपलब्ध नहीं कराया गया है। इन सुरक्षा उपकरणों के अभाव में टीकाकरण के दौरान संविदा एएनएम को संक्रमण का बहुत खतरा रहेगा। इसलिए ये सभी उपकरण उन्हें उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

श्री पांडेय ने पत्र में संविदा एएनएम की कठिनाइयों को जिक्र करते हुए कहा है कि टीकाकरण कार्य में गर्भवती एएनएम और छोटे बच्चों वाली एएनम की ड्यूटी नहीं लगाई जानी चाहिए। एएनएम से सिर्फ टीकाकारण का ही कार्य लिया जाना चाहिए क्योंकि वे इसी कार्य में निपुण हैं लेकिन उनसे डाटा फीडिंग का भी कार्य लिया जा रहा है। उनसे अतिरिक्त कार्य लेना तत्काल बंद किया जाना चाहिए।

संघ ने मांग की है कि यदि टीकाकरण के दौरान कोई संविदा एएनएम कोरोना संक्रमित होती है तो उसके निःशुल्क इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए। निःशुल्क उपचार हेतु संविदा एएनएम को आरोग्य योजना या गोल्डेन कार्ड की सुविधा से जोड़ा जाना चाहिए। यदि अपनी ड्यूटी करते हुए संविदा एएनएम की मौत होती है तो उसे 50 लाख रूपए की अहेतुक सहायता दी जानी चाहिए। पत्र में कहा गया है कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि संविदा एएनएम को 50 लाख रूपया का बीमा हुआ है कि नहीं। यदि उनका बीमा हुआ है तो उन्हें बीमे का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना चाहिए।

पत्र में अप्रैल महीने में तीन एएनएम की कोरना संक्रमण से मौत की जानकारी देते हुए कहा गया है कि मृत एएनएम के परिजनों की र्को सुधि नहीं ली गई है और न उन्हें अहेतुक सहायता राशि उपलब्ध करायी गयी है।

इस पत्र में संविदा एएनएम संघ ने अपनी पुरानी मांगों-गृह जनपद में तैनाती, नियमित पदों पर समायोजन, समायोजन होने तक 25 हजार रूपए मानदेय दिए जाने पर सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं किए जाने पर अफसोस जाहिर करते हुए इसे पूरा करने की फिर मांग की गई है।