परिवार के साथ उपवास पर बैठे शिक्षा मित्र, ट्विटर पर ट्रेंड किया ‘ यूपी के शिक्षा मित्रों की पीड़ा ’

लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह के आह्वान पर आज शिक्षा मित्रों ने भाजपा सरकार को अपना वादा याद दिलाते हुए मांगों को जल्द पूरा करने के लिए एक दिन का उपवास रखा। शिक्षा मित्र अपने घरों पर परिवार सहित प्ले कार्ड, पोस्टर लेकर उपवास पर बैठे और सोशल मीडिया पर अपनी मांगों को लिखा। शिक्षा मित्रों ने आज ढाई लाख ट्वीट कर  ‘ यूपी के शिक्षा मित्रों की पीड़ा ‘ को ट्विटर पर टॉप ट्रेंड बना दिया।

विभिन्न जिलों में रामनगीना निषाद, सुधाकर तिवारी, कुलदीप शुक्ल, ज्ञान दीक्षित, भानु प्रताप, पुष्पेंद्र पाल, रामेंद्र सिंह, रीता कुशवाहा, अक्षय अवस्थी, कमलकांत शुक्ल, दीपनारायण त्रिपाठी, निशा सिंह, ममता मिश्रा, साधना वर्मा, कमल शशांक, अवधेश, अजीत आनंद, सुनील सेंगर, सर्वेश, अतुल मिश्र, दीपक त्रिपाठी, हरीश सिंह, पुष्कर बाजपेई, राजकिशोर, मनीष, रेखा, आरती, संदीप सिंह ने अभियान में हिस्सा लिया।

 

शिक्षा मित्रों ने आज अपने आंदोलन के जरिए आवाज उठायी कि भाजपा वर्ष 2017 में शिक्षा मित्रों से किए गए वादा को पूरा करे। शिक्षा मित्रों ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2017 में अपने संकल्प पत्र में उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की समस्याओं को तीन माह में समाधान करने का वादा किया था। प्रधानमंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गृहमंत्री सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं द्वारा आश्वासन दिया गया था कि भाजपा की सरकार बनने पर हर हाल में शिक्षा मित्रों की समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा लेकिन यूपी में सरकार बनने के साढे तीन वर्ष बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कोई भी निर्णय शिक्षामित्रों के हितार्थ नहीं लिया गया। इससे शिक्षामित्रों निराशा, हताशा के साथ-साथ आक्रोश है।

शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष त्रिभुवन सिंह ने कहा कि तीन वर्षों में दो हजार से अधिक शिक्षामित्र काल के गाल में समा गए हैं। हाल में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 में 230 से अधिक शिक्षामित्रों की कोराना संक्रमण के चलते जान चली गयी लेकिन आज तक सरकार ने किसी भी शिक्षा मित्र के परिवार को एक भी रुपए सहायता राशि नहीं दी। शिक्षा मित्रों के परिजन विकट आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।

श्री सिंह ने कहा कि इन्ही समस्याओं को लेकर आज शिक्षा मित्रों ने लॉक डाउन नियमों का पालन करते हुए परिवार सहित उपवास रखकर अपना विरोध दर्ज कराया और भाजपा सरकार को वादा याद दिलाने का काम किया।

आज के प्रदर्शन के जरिए शिक्षा मित्रों ने सरकार से मांग की कि पंचायत चुनाव में कोविड-19 के संक्रमित होकर जान गवाने वाले सभी शिक्षामित्रों को 50 लाख मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। शिक्षामित्रों को 62 वर्ष तक 12 माह का प्रशिक्षित वेतनमान दिया जाए, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में बनी हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए और सभी शिक्षा मित्रों को स्थाायी किया जाए, जिस पद पर शिक्षामित्र कार्य कर रहा था, उसी पद का धन का 50 से 60 वर्ष तक परिवार के एक सदस्य को पेंशन के रूप में दिया जाए।