कोरोना कर्फ्यू में जच्चा-बच्चा की जान बचाने वाले एम्बुलेंस कर्मियों को मिला सम्मान

गोरखपुर। कोरोना कर्फ्यू के दौरान गर्भवती के परिजनों की सूचना पर तत्परता से एंबुलेंस लेकर पहुंचने और स्थिति गंभीर होती देख एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराने वाले इमर्जेंसी मेडिकल टेक्निशियन (ईएमटी) यार मोहम्मद और एम्बुलेंस पॉलयट विरेंद्र को सम्मानित किया गया है।

जिले में 108 और 102 नंबर एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही संस्था जीवीके ईएमआरआई द्वारा यार मोहम्मद और विरेन्द्र को सम्मानित किया गया है।  संस्था के प्रोग्राम मैनेजर अजय उपाध्याय के हाथों ईनाम चेक के जरिये इमर्जेंसी मेडिकल टेक्निशियन (ईएमटी) यार मोहम्मद और पॉलयट विरेंद्र को प्रदान किया गया है।

प्रोग्राम मैनेजर ने बताया कि बीते मई माह के पहले पखवाड़े में कोरोना कर्फ्यू के दौरान पिपरौली ब्लॉक के नौसढ़ निवासी दिलीप ने 102 नंबर सेवा पर सूचना दी थी । उन्होंने बताया था कि उनकी पत्नी गर्भवती हैं और काफी प्रसव पीड़ा हो रही है । सूचना के बाद ईएमटी यार मोहम्मद और पॉयलट विरेंद्र गाड़ी लेकर 20 मिनट में पहुंच गये । गाड़ी संगीता को लेकर पिपरौली सीएचसी के लिए चल पड़ी लेकिन टोल प्लाजा के पास उनकी स्थिति काफी खराब हो गयी । पति दिलीप की सहमति से एंबुलेंस में प्रसव कराने का फैसला लिया गया था। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए एंबुलेंस में प्रसव कराया गया और फिर उन्हें पिपरौली सीएचसी पहुंचाया गया जहां जच्चा-बच्चा स्वस्थ घोषित किये गये।

नकद पुरस्कार पाने वाले ईएमटी यार मोहम्मद ने बताया कि उन्हें सुरक्षित प्रसव का प्रशिक्षण मिला है । एंबुलेंस की 102 नंबर सेवा में प्रसव के लिए इस्तेमाल होने वाले आवश्यक चिकित्सकीय उपकरण उपलब्ध होते हैं । गर्भवती के द्वारा इस एंबुलेंस सेवा की सुविधा प्राप्त करना सुरक्षित होता है । प्रशिक्षण व सुविधाओं के कारण ही यह ईनाम मिल सका है, जिससे उनका मनोबल बढ़ा है । पॉयलट विरेंद्र ने बताया कि 102 नंबर की गाड़ी न सिर्फ गर्भवती को सुविधा देती है, बल्कि नसबंदी के लाभार्थियों और नवजातों के बीमार होने पर उनकी भी मदद करती है। प्रोग्राम मैनेजर अजय और हेल्प डेस्क मैनेजर बृजेश के समन्वय में बेहतर सेवाएं देने का प्रयास कर रहे हैं। पुरस्कार से अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरणा मिली है।