लकवाग्रस्त मानवाधिकार कार्यकर्ता व माले नेता मो. कलीम को पुलिस ने अस्पताल से गिरफ़्तार कर पीटा

बचाव करने आयी बेटी को भी पीटा, पुलिस पर हमले का एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा

सोनभद्र। सोनभद्र जिले के रार्बट्सगंज पुलिस ने 5 जून को दोपहर मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं भाकपा माले नेता मो. कलीम को एक अस्पताल से गिरफ़्तार कर उनको मारते-पीटते घसीटते हुए थाने ले गयी। थाने में कलीम और उनकी बेटी को पीटा गया। बाद में पुलिस पर हमला करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में एफआईआर दर्ज कर मो. कलीम को जेल भेज दिया गया।

लकवे की बीमारी के नाते कलीम चल फिर पाने में असमर्थ हैं और व्हील चेयर से चलते हैं। वह फिजियोथेरपी कराने अस्पताल में गए थे। पुलिस ने दर्ज एफआईआर में कलीम की पत्नी और इंटर में पढ़ने वाली बेटी को भी अभियुक्त बनाया है।

पर्यावरण दिवस पर कलीम एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मजूदरों और किसानों की समस्याओं के सम्बन्ध में एसडीएम को ज्ञापन देने गए थे। ज्ञापन देने के बाद वह अस्पताल में फिजियोथेरेपी के लिए गए। साथ में उनकी सहायता के लिए बेटी अमीना थी। कुछ देर बाद रार्बट्सगंज के इंस्पेक्टर पुलिस बल के साथ अस्पताल पहुंचे और उन्हें घसीट कर ले जाने लगे। कलीम और उनकी बेटी ने इसका विरोध किया तो उन्हें पीटा गया। पुरूष पुलिस कर्मी ने अमीना को थप्पड़ मारे। थाने लाने के बाद कलीम को फिर पीटा गया। महिला पुलिस से अमीना केा पिटवाया गया।

थाने लाए जाने के कुछ देर बाद अमीना को जाने दिया गया लेकिन कलीम को पुलिस ने धारा 332,353,504,427 और 336 के तहत एफआईआर दर्ज करते हुए उन्हें जेल भेज दिया। यह धाराएं कलीम की बेटी और उनकी पत्नी पर भी लगाई गई हैं।

पुलिस की ओर से उपनिरीक्षक योगेन्द्र कुमार सिंह द्वारा एफआईआर दर्ज करायी गयी है जिसमें कहा गया है व्हीलचेयर पर बैठे कलीम, उनकी पत्नी नजमा खातून और बेटी अमीना खातून ने पुलिस की गाड़ी रोक ली और कहा कि उनके खिलाफ धारा 107 व 116 की कार्यवाही क्यों की गई है। इसके बाद तीनों  ने उन्हें गालियां दीं, पत्थर चलाए और डंडे से पुलिस जीप का शीशा तोड़ दिया।

अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन की प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने कहा कि पुलिस की एफआईआर हास्यास्पद और मनगढंत है। कलीम और उनकी बेटी को अस्पताल से हिरास्त में लिया गया और उनकी पत्नी जो कि घर पर थीं उन्हें भी अभियुक्त बना दिया गया। कलीम और उनका परिवार लम्बे समय से सोनभद्र में जल, जंगल, जमीन के सवालों पर संघर्ष करता रहा है। इसलिए प्रशासन ओ पुलिस उनसे नाराज था और यह कार्रवाई उन्हें सबक सिखाने व उनकी आवाज बंद कराने के उद्देश्य से की गई है।

ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी और राज्य सचिव कुसुम वर्मा ने राबर्ट्सगंज में पुलिस द्वारा की गई इस अमानवीय कार्रवाई की .कड़ी निंदा की है। ऐपवा नेताओं ने मो. कलीम को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराते हुए उन्हें रिहा करने, दर्ज की गगई एफआईआर को निरस्त करने, मों. कलीम की बेटी के साथ बदसलूकी और मारपीट करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्यवाही करने तथा उनके परिवार की सुरक्षा देने की मांग की है। ऐपवा ने कहा कि मो. कलीम और उनके परिवार पर पुलिस अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जएगा और इसका जमकर विरोध होगा।