जेई-एईएस से बचाव के लिए चलेगा अभियान, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को दिया गया प्रशिक्षण

देवरिया।  जापानी इंसेफेलाइटिस ( जेई ) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम ( एईएस ) से बचाव के  लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनकटा में एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को  मंगलवार को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान एसीएमओ वेक्टर बार्न डॉ. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि संक्रामक रोगों के चलते पूर्वांचल में मौत और दिव्यांगता को रोकने में एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को उनके दायित्यों के बारे में जानकारी दी गई।
एसीएमओ ने कहा अगर कोई आशा कार्यकर्ता किसी बुखार के मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र भेजती है और उसमें जेई या एईएस की पुष्टि होती है तो 300 रुपये और किसी मरीज के अंदर डेंगू पाया जाता है तो आशा कार्यकर्ता को 200 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। प्रशिक्षण में आशा और एएनएम को अभियान के तहत क्या दायित्व निभाने हैं, इसकी जानकारी दी गई। इसमें आशा को जेई व एईएस से बचाव की जानकारी देने और चिह्नांकन करने में किस तरह की सावधानी बरतनी है इसकी भी जानकारी दी गई।
जिला मलेरिया अधिकारी आरसी यादव ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत आशा व एएनएम को जेई, एईएस, डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव कैसे किया जाए इसकी जानकारी दी गई। आशा व एएनएम को सोर्स रिडक्शन की कार्रवाई कैसे की जाए इसका भी प्रशिक्षण दिया। वेक्टर बार्न डिजीज (वीबीडी) परामर्शदाता डॉ. एसके पांडेय ने प्रशिक्षण देते हुए कहा प्रोटोकॉल का पालन करते हुए घर-घर जाकर घर में कूलर, पुराने बर्तन व टॉयर आदि में जमा पानी को फेंकने, शुद्ध पेयजल के उपयोग, जल का पीने, शौचालय का प्रयोग करने के बारे में की जानकारी दी जाये। यह भी बताया जाये कि पानी में क्लोरीन मिलाकर ही इस्तेमाल करें। इंडिया मार्का हैंडपंप का ही पानी पिएं या पानी को उबाल कर ही पीने में इस्तेमाल करें।
प्रशिक्षण में डब्ल्यूएचओ  के एसएमओ डॉ. अंकुर, एओआईसी  डॉ. नवीन  कुमार,  पाथ के डिस्ट्रिक कोआर्डिनेटर  अभिनव  कुशवाहा सहित एएनएम और आशा कार्यकर्ता मौजूद रहीं।