भाजपा विधायक के महाविद्यालय में अनियमितता के खिलाफ़ आवाज उठाने वाले शिक्षक पर हमला 

देवरिया। लगना देवी ताराकांत महाविद्यालय, देवरिया के शिक्षक डॉ देवेश नारायण शुक्ला पर आज सुबह रुद्रपुर कस्बे में टहलने के समय हमला हुआ। घात  लगाकर छुपे दो लोगों ने उन्हें बुरी तरह पीट कर घायल कर दिया। इस हमले में डॉ शुक्ला के नाक की हड्डी टूट गई और उनके आंख में गहरी चोट आई है। उनके सर के पिछले हिस्से में भी चोट आई है। उनका इलाज देवरिया के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।

डॉ देवेश शुक्ला ने आरोप लगाया है कि बरहज के भाजपा विधायक सुरेश तिवारी और उनके एक सहयोगी कामेश्वर पांडेय ने हत्या की नीयत से उन पर हमला करवाया है क्योंकि वह महाविद्यालय में अनिमितताओं के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। उन्हें पहले भी जन से मारने की धमकी मिली थी। अस्पताल से छुट्टी मिलते ही हमले की एफआईआर कराएंगे।

शिक्षक डॉ देवेश ने बताया कि आज वह अपने मित्र पद्माकर दुबे के साथ टहलने निकले थे कि मंदिर के पास बाइक सवार बदमाशों ने हमला बोल दिया। हमले में मुझे बुरी तरह चोट आयी है।

उन्होंने घटना के बारे में अपने फ़ेसबुक वाल पर लिखा है और हमले के लिए भाजपा विधायक सुरेश तिवारी को जिम्मेदार बताया है।

डॉ शुक्ला को महाविद्यालय प्रबंध तंत्र ने फरवरी 2021 में कालेज से निकाल दिया था जिसकी शिकायत उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति से की थी जिसकी जांच चल रही है। डॉ शुक्ला ने गोरखपुर न्यूज लाइन से कहा कि वह विश्वविद्यालय से अनुमोदित शिक्षक हैं। उन्हें निकालने का अधिकार विश्वविद्यालय को है न कि महाविद्यालय प्रबंधतंत्र को। डॉ शुक्ला ने बताया कि उन्होंने महाविद्यालय के शिक्षकों को कोविड काल का वेतन नहीं देने, निर्धारित वेतन से काफी काम वेतन देने, प्रबंध समिति में एक ही परिवार के लोगों की भरमार होने की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल सहित कई जगह की है। इससे भाजपा विधायक और उनके लोग मुझसे नाराज हैं और जन से मारने की धमकी दे रहे थे।

स्ववित्तपोषित / वित्तविहीन महाविद्यालय शिक्षक एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ चतुरानन ओझा एवं डॉ नंदलाल पाठक ने भाजपा विधायक सुरेश तिवारी के लगना देवी ताराकांत महाविद्यालय, देवरिया शिक्षक डॉ देवेश नारायण शुक्ला पर हुए प्राणघातक हमले की घोर निंदा करते हुए इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि डॉ शुक्ला ने महाविद्यालय में वेतन संबंधित अनियमितता के खिलाफ आवाज उठाई थी और मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत किया था। इससे नाराज होकर विधायक सुरेश तिवारी और उनके गुर्गे कई बार उनको खामोश करने एवं जान से मारने की धमकी दे चुके थे। शिक्षक संघ के नेताओं ने कहा कि यह अत्यंत दुखद है कि इस कोविड  काल में भी प्राइवेट शिक्षकों के वेतन भुगतान कराने में योगी सरकार पूरी तरह असफल रही है। विगत एक वर्ष में प्राइवेट शिक्षकों के वेतन भुगतान का दो बार शासनादेश निकाला गया किंतु किसी शिक्षक का वेतन भुगतान नहीं कराया गया और ना ही उनके शिकायतों का निराकरण ही किया गया।

विश्वविद्यालय वेतन भुगतान संबंधित प्रबंधक के खिलाफ शिकायत करने वाले शिक्षकों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार करते हैं। स्थिति यह है कि शिक्षक निराश होकर शिकायत करना भी छोड़ चुके हैं। आज शिक्षक भूख, अपमान, अभाव और बीमारी से मर रहे हैं और डिप्रेशन में हैं। जो वेतन के लिए आवाज उठा रहे हैं उन्हें धमकी दी जा रही है और उनपर जानलेवा हमले कराए जा रहे हैं।

सरकार को इसका संज्ञान लेना चाहिए। शिक्षकों का नियमानुसार वेतन भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए और दोषी प्रबंधक और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करना चाहिए।