हमले में घायल शिक्षक ने भाजपा विधायक सहित छह लोगों के खिलाफ़ तहरीर दी

देवरिया। लगना देवी ताराकांत महाविद्यालय, देवरिया के शिक्षक डॉ. देवेश नारायण शुक्ला ने अपने उपर आठ जून की सुबह हुए हमले की घटना में बरहज के विधायक सुरेश तिवारी सहित छह लोगों के खिलाफ एफआईआर के लिए रूद्रपुर कोतवली में तहरीर दी है। पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है।

आठ जून को शिक्षक डाॅ देवेश नारायण शुक्ल के उपर रुद्रपुर कस्बे में टहलने के समय दुग्धेश्वरनाथ मंदिर के पास हमला हुआ। इस हमले में डॉ शुक्ला के नाक की हड्डी टूट गई और उनके आंख में गहरी चोट आई है। उनके सर के पिछले हिस्से में भी चोट आई है। उनका इलाज देवरिया के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।

डॉ देवेश शुक्ला ने आरोप लगाया था कि बरहज के भाजपा विधायक सुरेश तिवारी और उनके एक सहयोगी कामेश्वर पांडेय ने हत्या की नीयत से उन पर हमला करवाया है क्योंकि वह महाविद्यालय में अनिमितताओं के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। उन्हें पहले भी जन से मारने की धमकी मिली थी। अस्पताल से छुट्टी मिलते ही हमले की एफआईआर कराएंगे।

 

श्री शुक्ल ने आठ जून को रूद्रपुर कोतवाली मेे तहरीर दी है। इस तहरीर में उन्होंने लिखा है कि वे रुद्रपुर के दूधेश्वर नाथ वार्ड के निवासी हैं तथा लगना देवी तारा कांत महाविद्यालय देवरिया में संस्कृत विभाग में प्रवक्ता पद पर विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित अध्यापक हैं। इस  डिग्री कॉलेज के संरक्षक बरहज के विधायक सुरेश तिवारी हैं।  उक्त कालेज के भ्रष्टाचार के संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर की है। इसके अलावा गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति,  राज्यपाल व शिक्षा मंत्री से भी शिकायत की थी जिससे सुरेश तिवारी व कालेज के बाबू कामेश्वर पांडेय उनसे क्षुब्ध थे और उनको कालेज से हटाना चाहते थे।

 

 

श्री शुक्ला ने तहरीर में लिखा है कि वह 8 जून की सुबह 5:30 बजे अपने घर से पद्माकर दुबे निवासी मल्हार टोली के साथ टहलते हुए दूधेश्वर नाथ मंदिर पहुंचे थे कि वहां पर एक गाड़ी से सुरेश तिवारी, कामेश्वर पांडे व चार अन्य लोग जो मुंह पर गमछा बांधे हुए थे उन्हें रोक लिया।  सुरेश तिवारी की ललकारने पर उन्हें लाठी-डंडों से पीटा गया। कामेश्वर पांडे हाथ में पिस्टल लिए मुझे जान से मारने की नीयत से ललकार रहे थे। उन्होंने मेरा नाक तोड़ दिया और मेरी आंखों फोड़ दी। पिटाई से मैं बेहोश हो गया तो मुझे मरा जानकर वे लोग गाड़ी पर सवार होकर भाग गए। पद्माकर दुबे व देवेंद्र पांडे वे उन्हें सरकारी अस्पताल ले गए जहां उसकी हालत देखकर देवरिया भेज दिया गया। वह प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। उनकी एक आंख से दिखाई नहीं दे रहा है।

रुद्रपुर पुलिस ने अभी डॉ शुक्ला की तहरीर पर एफआईआर दर्ज नहीं किया गया।