ब्लैक फंगस उन्हीं लोगों पर अटैक कर पाता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है

जनरल प्रैक्टिसनर्स एसोसिएशन ने ब्लैक फंगस से बचाव और उपचार पर वर्चुअल गोष्ठी का आयोजन किया 

गोरखपुर। जनरल प्रैक्टिसनर्स एसोसिएशन गोरखपुर ने 12 जून को कोरोना मरीजों में ब्लैक फंगस के केस पर चर्चा का आयोजन किया जिसमें गुरुग्राम स्थित मेदान्ता इ. एन. टी. एवं हेड नेक सर्जरी विभाग के चेयरमैन डॉ. के के हांडा और जी. पी. एसोसिएशन गोरखपुर के अध्यक्ष डॉ शैलेन्द्र कुमार, सचिव डॉ स्मिता जैसवाल एवं वरिष्ठ इ. एन. टी. सर्जन डॉ. जी एन लाल ने ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस से बचाव व उपचार के बारे में जानकारी दी।

डॉ. के के हांडा और डॉ. जी एन लाल ने ऑनलाइन बातचीत में कहा कि जिन लोगों को डाइबिटीज है और वो कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं, उन पर ब्लैक फंगस के आक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है। दरअसल ब्लैक फंगस उन्हीं लोगों पर अटैक कर पाता है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। चूंकि डाइबिटीज मरीज स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए उनका इम्यूनिटी लेवल कम हो जाती है, इस कारण ब्लैक फंगस को उन्हें अपना शिकार बनाने का मौका मिल जाता है।

डॉ. के के हांडा के अनुसार, डाइबिटीज मरीज,  जिनका कैंसर का इलाज हो रहा है और ट्रांसप्लांट करवाने वालों को पर भी ब्लैक फंगस से संक्रमित होने का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस वातावरण में मौजूद है। खासकर मिट्टी में इसकी मौजूदगी ज्यादा होती है। स्वस्थ और मजबूत इम्यूनिटी वाले लोगों पर यह अटैक नहीं कर पाता है।

डॉ. शैलेन्द्र कुमार ने भी ब्लैक फंगस के प्रति सतर्क करते हुए कहा कि जिन मरीजों को शुरुआत में ही स्टेरॉयड दिए गए, उनमें ब्लैक फंगस का संक्रमण हो सकता है।
स्टेरॉयड की बहुत ज्यादा डोज दिए जाने पर भी मरीज को ब्लैक फंगस होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे लोगों के खून में मिठास की मात्रा बढ़ जाती है जो हाई ब्लड शुगर के रूप में सामने आता है।

उन्होंने कहा कि कुछ दवाइयां भी बहुत सावधानी से देनी चाहिए ताकि वो भी फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकती हैं क्योंकि ये दवाइयां इम्यूनिटी सिस्टम को कमजोर करती हैं।

डॉ. हांडा ने कहा कि बिना डॉक्टरी सलाह के स्टेरॉयड लेना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि स्टेरॉयड बिल्कुल उचित मात्रा में लें और कम-से-कम समय तक लें। लेकिन ब्लड शुगर कंट्रोल में नहीं हो तो डॉक्टर से बिना पूछे स्टेरॉइड लेना नहीं छोड़ें।

डॉ. हांडा ने कहा कि हम इस बीमारी को जितनी जल्दी पहचानेंगे इसका इलाज उतना ही सफल होगा।

डॉ. जी एन लाल ने कहा कि ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए तीन चीजें बहुत महत्वपूर्ण हैं। पहला शुगर कंट्रोल बहुत अच्छा होना चाहिए, दूसरा हमें स्टेरॉयड कब देने हैं इसके लिए सावधान रहना चाहिए और तीसरा स्टेरॉयड की हल्की या मध्यम डोज देनी चाहिए। जो लोग डायबिटिक हैं, उन्हें अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने का अतिरिक्त प्रयास करना चाहिए। स्टेरॉयड के बेजा इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए। अगर जरूरत पड़े तो कम डोज दें ना कि बहुत ज्यादा। इस तरह की दूसरी दवाइयां भी तभी दी जाएं जब बहुत जरूरी हों। जो डायबिटिक नहीं हैं, लेकिन नियमित तौर पर स्टेरॉयड ले रहे हैं, उन्हें अपना ब्लड शुगर हमेशा चेक करते रहना चाहिए।