गोरखपुर रेलवे स्टेशन से दुर्लभ प्रजाति के 46 कछुए बरामद, चार गिरफ़्तार 

गोरखपुर। जीआरपी ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 9 से एक महिला समेत चार लोगों को गिरफ़्तार कर उनके पास से दुलर्भ प्रजाति के 46 कछुए बरामद किए। ये कछुए अमेठी से लाए गए थे और इन्हें गोरखपुर के रास्ते पश्चिम बंगाल ले जाने की योजना थी।

जीआरपी इंस्पेक्टर उपेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मंगलवार को रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 9 पर जब वह अपनी टीम के साथ गश्त कर रहे थे तभी उन्हें देख एक महिला सहित चार लोग भागने लगे। पुलिस ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया। उनके पास कई गठरियां मौजूद थीं। तलाशी में  ग​ठरियों में 46 कुछए मिले। एक-एक कछुए का वजन 15 से 20 किलो तक था।

पकड़े गए लोगों- सलीम, छविलाल, राकेश और जत्थी ने बताया कि वे गांधीनगर जगदीशपुर अमेठी के रहने वाले हैं। वे अमेठी व आासपास के इलाकों से कछुओं की तस्करी कर उन्हें बंगाल ले जाकर बेचते हैं।

डीएफओ गोरखपुर अविनाश कुमार ने बताया कि गंगा बेसिन में पाए जाने वाले सॉफ्ट शेल्ड कछुओं के कवच और हड्डियों से शक्तिव‌र्द्धक दवा बनाए जाने की बात सामने आ रही है। इसके मांस की भी मुंहमांगी कीमत मिलती है। इसलिए इनकी तस्करी हो रही है।

हेरिटेज फाउंडेशन के ट्रस्टी अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि भारतीय सॉफ्ट शेल कछुआ (निल्सोनिया गंगेटिका) या गंगा सोफ्टशेल कछुआ प्रजाति का कुछआ, गंगा, सिंधु नदी में पाया जाता है। यह तालाब या पोखरे में नहीं पाया जाता। यह कमजोर कछुआ 94 सेमी (37 इंच) तक की लंबाई तक पहुंचता है। यह ज्यादातर मछली, उभयचर, कैरियन और जलीय पौधों को भोजन के रूप में ग्रहण करता है। इन कछुओं को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची एक के तहत संरक्षित किया जाता है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची एक में सूचीबद्ध जानवरों के कब्जे में 3 से 7 साल तक की कैद हो सकती है।