देवरिया में वन डे ट्रीटमेंट के बाद स्वस्थ हुए कालाजार के छह मरीज

देवरिया।  जिले में जनवरी 2021 से अब तक कालाजार के छह और छह पीकेडीएल (चमड़ी बुखार) के नए रोगी मिले हैं जिसमे छह कालाजार मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर उनके वजन के अनुसार एमबीसोम इंजेक्शन वायल देकर एक दिन में इलाज किया किया गया है जो अब बिलकुल स्वस्थ हैं। यह सभी मरीज बनकटा और देसही  देवरिया ब्लाक के हैं।
सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि ने बताया इस साल अब तक जिले के तीन ब्लाकों बनकटा, देसही देवरिया और बैतालपुर ब्लाक  में कालाजार और पीकेडीएल (चमड़ी वाला कालाजार) के मरीजों की पहचान हो सकी है। आये दिन इसके मरीज मिलने से मलेरिया विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। इसकी रोकथाम के लिए विभाग के अधिकारी पूरा प्रयास कर रहा है।  जहां-जहां मरीज मिले हैं उस क्षेत्र में छिड़काव कराया जा रहा है। साथ ही कालाजार के चिन्हित मरीजों का इलाज भी किया जा रहा है। अब तक बनकटा और देसही देवरिया ब्लाक के छह कालाजार मरीजों का इलाज कर स्वस्थ किया गया है।
उन्होंने बताया कि बनकटा ब्लाक कि 13 वर्षीय निक्की, आठ वर्षीय लछमी, शिव नारायण शाह, रम्भा देवी, दूलारी देवी और देसई ब्लाक की स्मिता देवी कालाजार बीमारी से ग्रस्त थे जिन्हे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया और  उनके वजन के हिसाब से एमबीसोम इंजेक्शन वायल डीप के माध्यम से देकर इलाज किया गया जो अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
13 वर्षीय निक्की कुमारी के पिता हरिलाल शाह ने बताया कि निक्की को पहले बुखार हुआ तो डाक्टर से दिखाया। कुछ दिन तक उनकी दवा भी चली लेकिन 20 दिन तक बुखार कि स्थिति जस कि तस रही। उसी दौरान कालाजार रोगी खोजअभियान में आशा कार्यकर्ता के माध्यम से निक्की को सीएचसी ले गए जहां जाँच में कालाजार बीमारी होने कि पुष्टि हुई। मलेरिया विभाग की मदद से निक्की को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और एमबीसोम के इंजेक्शन लगा कर एक दिन में कालाजार का इलाज किया गया। अब निक्की पूरी तरह स्वस्थ है।
 एमबीसोम इंजेक्शन से कारगर इलाज
 डब्ल्यूएचओ के जोनल कोर्डिनेटर डॉ.सागर घोडेकर ने बताया कि  कालाजार के मरीजों को एक बहुत बड़ी राहत मिली है। पहले बीमारी ठीक होने के लिए सोडियम स्टिबो ग्लूकोज 28 दिनों तक खानी पड़ती थी। मरीज इसकी दवा उम्र के हिसाब डॉक्टरों के सलाह के मुताबिक सेवन करते थे।  लेकिन इस बीमारी की नयी दवा इजाद होने के बाद मरीजों को सिर्फ एक इंजेक्शन लगाने से ही बीमारी से छुटकारा मिल जाता है। अब एमबीसोम के एक इंजेक्शन लगाने मात्र से ही मरीज ठीक हो जाते हैं।