कवि-लेखक-पत्रकार सुभाष राय को दिया जाएगा पहला देवेन्द्र कुमार स्मृति कविता सम्मान

गोरखपुर। प्रेमचंद साहित्य संस्थान गोरखपुर द्वारा हिंदी के विलक्षण कवि देवेंद्र कुमार की स्मृति में घोषित देवेंद्र कुमार स्मृति कविता सम्मान कवि-लेखक-पत्रकार सुभाष राय को दिया जाएगा।

यह जानकारी प्रेमचंद साहित्य संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सदानंद शाही ने दी। उन्होंने कहा कि पहला देवेंद्र कुमार स्मृति कविता सम्मान के लिए प्रेमचंद साहित्य संस्थान ने सुप्रसिद्ध कवि स्वप्निल श्रीवास्तव की अध्यक्षता में चयन समिति गठित की थी जिसमें गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी -विभाग के अध्यक्ष प्रो अनिल कुमार राय और महत्वपूर्ण आलोचक रघुवंशमणि सदस्य थे। प्रेमचंद साहित्य के सचिव प्रो राजेश कुमार मल्ल इस सम्मान समिति के सदस्य सचिव हैं। सम्मान पर निश्चय करने के लिए चयन समिति की आनलाइन बैठक हुई जिसमें इस सम्मान के लिए प्राप्त प्रविष्टियों पर विचार के उपरान्त समिति ने सर्वसम्मति से कवि-लेखक-पत्रकार सुभाष राय का चयन किया।

प्रो शाही ने पहले देवेन्द्र कुमार स्मृति सम्मान के लिए सुभाष राय को बधाई दी और बताया कि जुलाई महीने के अंत में यह सम्मान समारोह आयोजित किया जायेगा जिसमें संस्थान के अध्यक्ष रामदेव शुक्ल के हाथों सम्मानित कवि को 11 हजार रूपये की पुरस्कार राशि और चयन समिति की ओर से मानपत्र दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि देवेन्द्र कुमार गोरखपुर की धरती से जुड़े हिन्दी के अनूठे कवि गीतकार रहे हैं जिन्हें अन्यान्य ग़ैर साहित्यिक कारणों से विस्मृत करने की कोशिश की जाती रही है।यह सम्मान देवेन्द्र कुमार की स्मृति को जीवंत रखने की विनम्र कोशिश है।

सुभाष राय के नाम की संस्तुति करते हुए चयन समिति ने ‘सुभाष राय की कविता को विपरीत समय में मनुष्यता की पहचान कराने वाली कविता बताया। समिति के सदस्यों के अनुसार सुभाष राय अपनी कविताओं के द्वारा सामाजिक संरचना के वास्तविक स्वरूप का साक्षात्कार कराते हैं। समकालीन कविता के मुख्य मार्ग से गुजरते हुए भी वे कविता में नये रास्ते तलाशते हैं। प्रकृति और दार्शनिक तत्व उनकी कविता में महत्त्वपूर्ण हैं। अपनी प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता के चलते वे देवेन्द्र कुमार की काव्य परम्परा से जुड़ते हैं।’

सुभाष राय हिंदी के सजग और विचारवान कवि है । उनकी कविता और लेखों की किताबें प्रकाशित हैं ,उनकी कविता में सम्वाद और गहरी स्थानीयता है। उनका पहला कविता संग्रह ‘सलीब पर सच’ 2018 में प्रकाशित हुआ। एक वर्ष बाद जनसंदेश टाइम्स के साहित्य परिशिष्टों में लिखे उनके साहित्यिक निबंधात्मक अग्रलेखों का संग्रह ‘जाग मछंदर जाग’ प्रकाशित हुआ। श्री राय जनसंदेश टाइम्स के सम्पादक हैं। वे काफी समय तक गोरखपुर से जुड़े रहे हैं।

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