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राज्यपाल से मिल गुआक्टा पदाधिकारियों ने कुलपति की शिकायत की

गोरखपुर। गोरखपुर विश्वविद्यालय सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (गुआक्टा) के पदाधिकारी आज अखिल भारतीय विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रहमा नन्द पी जी कालेज के प्राचार्य डां विवेक द्विवेदी और उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डां वीरेंद्र सिंह चौहान के साथ कुलाधिपति आनंदीबेन से मिले और गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह के विरुद्ध  शिकायत दर्ज करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें वापस बुलाने की मांग की।

कुलाधिपति से मिलने वालों में गुआक्टा के पूर्व अध्यक्ष डॉ एस एन शर्मा , अध्यक्ष डॉ के डी तिवारी और महामंत्री डॉ धीरेंद्र सिंह थे। गुआक्टा के महामंत्री डॉ धीरेंद्र सिंह ने बताया कि कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने 45 मिनट तक ध्यान से उनकी बात सुनी। गुआक्टा की मांगों को पूरा करने के प्रति उनका सकारात्मक रुख रहा।

गुआक्टा अध्यक्ष ने राज्यपाल से आग्रह किया कि जब प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों मे स्नातक शिक्षकों को शोध का अधिकार प्राप्त है और 20.3.2020 को यह एजेंडा कार्यपरिषद से पास है तो गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों को भी यह सुविधा मिलनी ही चाहिए। कुलाधिपति ने इसे दिलाने का भरोसा दिलाया। इसी प्रकार विन्दु संख्या 2 जिसमें नये शिक्षको को तीन साल का अवकाश लेकर शोध करने का नियम कुलपति ने बनाया था उसे भी शिथिल कर पूर्ववत शोध करने की सुविधा प्रदान करने का उन्होंने भरोसा दिलाया। कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय नियम और परिनियम के अनुसार शिक्षकों का जो भी हक है वह मिलेगा।

डॉ धीरेन्द्र सिंह के अनुसार कुलाधिपति ने यह भी कहा कि संवादहीनता से गतिरोध उत्पन्न होता है। एक दिन कुलपति और आप लोगों को एक साथ बुलाकर संवादहीनता खत्म कर समस्याओं के समाधान का रास्ता निकाला जायेगा। गुआक्टा ने जब शिक्षकों की वरिष्ठता सूची के सम्बंध मे अपना अभिलेख प्रस्तुत किया और दिखाया की शिक्षकों की वरिष्ठता सूची पर रजिस्ट्रार सहित सबका हस्ताक्षर है, तब कैसे कुलपति इस वरिष्ठता सूची को नहीं मान रहे है और इस वरिष्ठता के आधार पर शिक्षकों को विद्यापरिषद और कार्यपरिषद मे नामित नहीं कर रहे हैं।

गुआक्टा महामंत्री ने आगे कहा है कि जब तक हमारी सभी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक विश्वविद्यालय की परीक्षाओं का बहिष्कार जारी रहेगा और न हम थकेंगे और न रुकेंगे।महामहिम से यह भी शिकायत की गई कि विश्वविद्यालय के तीन शिक्षक प्रो अजय सिंह ,प्रो शिवाकांत सिंह और प्रो विनय कुमार सिंह एक से अधिक लाभ के पद पर कार्य कर रहे है जबकि एक्ट की धारा 34(2) मे दी गई व्यवस्था के अनुसार विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय का कोई भी शिक्षक लाभ के एक से अधिक पदों पर नहीं रह सकता है जबकि ये लोग दर्जनों लाभ के पद पर कार्य कर रहे हैं।

 

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