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दलित-पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज को हर क्षेत्र में भागीदारी के लिए देशव्यापी आंदोलन का आह्वान

गोरखपुर। अम्बेडकर जन मोर्चा द्वारा 12 सितम्बर को गोकुल अतिथि भवन में आयोजित दलित-पिछड़ा-अल्पसंख्यक भागीदारी उद्घोष सम्मेलन में दलित-पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज को हर क्षेत्र में भागीदारी तथा आरक्षण को संविधान सम्मत ढंग से लागू करने के लिए देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया गया।

सम्मेलन में मासिक समाचार पत्र ‘ अम्बेडकर उद्घोष ‘  का लोकार्पण किया गया।

सम्मेलन के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद ने कहा मान्यवर कांशीराम साहब ने भागीदारी के प्रश्न के बहुत आसान शब्दों में एक सूत्र में दिया कि जिसकी जितनी संख्या भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी। इस प्रश्न को हल कर दिया जाए तो जाति का प्रश्न अपने आप हल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि समाज की भागीदारी शासन-प्रशासन में नहीं रहती है, वह समाज गुलाम हो जाता है। उन्होंने कहा कि भागीदारी पर सरकारों की मंशा और नीयत ठीक नहीं है और इसीलिए भागीदारी को आंकड़ों को उलझाकर दिखाते हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट वक्ता प्रो. चंद्रभूषण अंकुर ने कहा कि लोकतंत्र के चारों स्तंभ में दलित-पिछड़ा और अल्पसंख्यक की भागीदारी नगण्य है। इसी तरह नियामक और नियंत्रणकारी संस्थाओं में दलित-पिछड़ा और अल्पसंख्यक की भागीदारी कहीं नहीं दिखती।

दिल्ली से आये पत्रकार एवं साहित्यकार डा. रामू सिद्धार्थ ने ‘ अम्बेडकर उद्घोष ‘ की प्रासंगिकता को उद्घाटित करते हुए कहा कि डाॅ. आंबेडकर ने मूकनायक से प्रबुद्ध भारत आधा दर्जन अखबार निकाला। मान्यवर कांशीराम साहब ने भी देश के लगभग हर भाषा में अखबार निकाला। तो इससे यह समझा जा सकता है कि किसी आंदोलन के लिए समाचार पत्र और पत्रिकायें कितनी महत्वपूर्ण हैं।

लेखक डा. अलख निरंजन ने कहा कि बाबासाहेब ने संविधान सभा में कहा था कि हम भले ही राजनीतिक रूप से समान हैं लेकिन सामाजिक और आर्थिक असमानता को जल्द ही दूर नहीं किया गया तो राजनैतिक समानता भी स्वतः समाप्त हो जाएगी। आज वह होते हुए दिख रहा है। जो भू-संपदा और नियामक संस्थाओं में इनकी हिस्सेदारी को दर्शाता है। एक सुदृढ़ और मजबूत समाज तभी बन सकता है जब समाज के सभी वर्गों की भागीदारी हर क्षेत्र में हो।

विशिष्ट वक्ता के रूप में बनारस के श्री नंद किशोर ने कहा कि परिवर्तन दूसरों से नहीं स्वयं से शुरू करना होगा तभी हम समाज को अच्छी दिशा दे सकते हैं।

विशिष्ट वक्ता शोभना स्मृति ने कहा कि गांव से लेकर दिल्ली तक का राजनैतिक सफर तभी साकार किया जा सकता है जब हमारा समाज सशक्त होगा।

अध्यक्षता कर रहे अम्बेडकर जन मोर्चा के मुख्य संयोजक श्रवण कुमार निराला ने कहा कि एक सुदृढ़ और मजबूत समाज तभी बन सकता है जब समाज में सभी वर्गों को भागीदारी हर क्षेत्रों में हों। आज शासन-सत्ता और न्यायपालिका, मीडिया, उद्योग सहित समाज के सभी क्षेत्र में भागीदारी की भारी असमानता है। आरक्षण को पंगु कर दिया गया है। ऐसे में दलित-पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज को हर क्षेत्र में भागीदारी के लिए तथा आरक्षण को संविधान सम्मत ढंग से लागू करने के लिए अम्बेडकर जन मोर्चा गांव-गांव, नगर-नगर लोगों को जागृत कर देशव्यापी आंदोलन खड़ा करेगा। जिसकी शुरुआत आज दलित-पिछड़ा और अल्पसंख्यक भागीदारी उद्घोष सम्मेलन से किया जा रहा है।

कार्यक्रम के अंत में अंबेडकर उद्घोष की प्रधान संपादक मंजू लता ने कार्यक्रम में आये सभी आगंतुकों को आभार ज्ञापन किया एवं मासिक अखबार अंबेडकर उद्घोष को दलितों के अभिव्यक्ति का मुखर आयाम साबित करने के लिए सभी को दृढ़ संकल्पित होने के लिए आह्वान किया।

कार्यक्रम में अंबेडकर जन मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सीमा गौतम सहित, सुरेश निषाद, बृजेश्वर निषाद, चंद्रोदय प्रताप सिंह, सुभाष यादव आदि ने भी अपने विचार रखे।