जनपद

कृषक जागरूकता व किसान मेला में 300 किसानों ने भाग लिया

गोरखपुरः गोरखपुर एनवायरन्मेन्टल एक्शन ग्रुप एवं कृषि विभाग, गोरखपुर के संयुक्त तत्वाधान में  कैम्पियरगंज के हरनामपुर ग्राम पंचायत में आयोजित एक दिवसीय कृषक जागरूकता व किसान मेला का आयोजन किया गया जिसमें 300 किसानों ने भाग लिया.

मेला के मुख्य अतिथि कैम्पियरगंज की ब्लाक प्रमुख के प्रतिनिधि थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश व केन्द्र की सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अनेक योजनाएं लागू करने का प्रयास कर रही है। कृषि योजनाओं का लाभ विचैलिए ले रहे थे, किन्तु अब सीधे लाभ किसानों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अन्नदाता किसान आर्थिक संकट से जूझ रहा है। सरकार किसान की आय को दुगना करने का प्रयास कर रही है। किसान मिट्टी परीक्षण की उपयोगिता को समझे और आवश्यकता अनुसार जैविक उर्वरक प्रयोग कर खेती को बंजर होने बचाए।

 मेले में मुख्य अतिथि का स्वागत गोरखपुर एनवायरन्मेन्टल एक्शन ग्रुप के समन्वयक विजय पाण्डेय ने किया।

 कृषि विज्ञान केन्द्र चौक माफी के वैज्ञानिक डा0 अजीत श्रीवास्तव ने कहा कि किसान कोई भी बीज बिना उपचारित किए बुआई न करें। रोग या कीट नियंत्रण के विषय में किसी भी जानकारी के लिए वह विकास खण्ड स्तरीय कृषि रक्षा केन्द्रों पर तैनात प्रभारी/सहायक विकास अधिकारी कृषि से संपर्क करें। इसके अतिरिक्त तहसील स्तर पर उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी एवं जनपद स्तर पर वरिष्ठ कृषि रक्षा सहायक या जिला कृषि रक्षा अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं। बीज उपचार की सभी दवाएं विकास खण्ड स्थित कृषि रक्षा इकाईयों पर उपलब्ध है। किसान भाई वहां से प्राप्त करे।

डा0 सुमन सिन्हा ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा सभी संचालित सभी योजनाओं का फायदा किसानों को लेना चाहिए जिससे उनकी खेती में फायदा बढ़ेगा।

विजय पाण्डेय (समन्वयक जी0ई0ए0जी0) ने कहा कि किसानों को फसलों के साथ बागवानी व छोटे जानवरों को समन्वित करना होगा जिससे यह सभी तंत्र एक दूसरे पर निर्भर होकर उत्पादन में वूद्धि भी करते रहें और नुकसान की संभावनाएं भी कम होती जाये। आज की खेती में खतरे बहुत ज्यादा है जिसके कारण एकल नकदी फसल व उसमें लगने वाली बड़ी लागत है ऐसे खतरों से बचने का आसान रास्ता है समन्वित खेती। प्राचीन समय में खेती के अधिकाधिक फायदेमंद होने की एक सबसे बड़ी वजह जानवर थे जो खेत का हिस्सा होते थे, खेती पूरी तरह उन पर निर्भर करती थी। आज उसके महत्व को समझना होगा। अपनी आर्थिक स्थिति व आवश्यकता के अनुसार किसान छोटे या बड़े जानवर रखकर उस कमी को पूरा कर सकते है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा0 वी0एस0 श्रीवास्तव, लालधारी यादव, लाल बहादुर सिंह, के0बी0सिंह, गणेश दत्त पाण्डेय, सहित लगभग 300 किसान उपस्थित थे।

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