स्वास्थ्य

देवरिया में 34 हजार महिलाओं को मिला पीएमएमवीवाई का लाभ

–2017 से अब तक योजना  के तहत 12.35 करोड़ का हुआ भुगतान 

– पहली बार गर्भवती होने वाली माँ को तीन किश्तों में दिये जाते हैं पाँच हजार

 

देवरिया। सुरक्षित प्रसव  और पोषण के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) चलाई जा रही है। इसमें पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं को तीन किश्तों में पाँच हजार रुपए दिये जाते हैं। जनपद में  2017 से लेकर अबतक 34 महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका है। अब तक इस योजना के तहत करीब 12.35 करोड़ रूपये का भुगतान लाभार्थियों के खाते में किया जा चुका है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) डॉ बीपी सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने पर गर्भवती के खाते में पोषण के लिए पांच हजार रुपये  दिए जाते हैं। इस योजना में सभी आय वर्ग की गर्भवती महिलाएं पात्र हैं। जनपद में यह योजना 01 जनवरी 2017 से लागू है। दिसंबर 2019 तक योजना के तहत 37403 गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। अबतक 34 हजार गर्भवती महिलाओं को इसका लाभ मिला है और 12.35 की धनराशि लाभार्थियों के खाते भुगतान  किया गया है।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के अलावा दो मुख्य उद्देश्य हैं। पहला काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए मुआवजा देना और उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना, दूसरा गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार लाना और नकदी प्रोत्साहन के माध्यम से अधीनपोषण के प्रभाव को कम करना। उन्होंने बताया कि इस योजना के लागू होने से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिला है जिससे मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आई है।

पहली बार माँ बनने पर मिलते  हैं पांच हजार रुपये

डीसीपीएम राजेश गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में पहली बार गर्भवती होने वाली महिला के खाते में कुल 5000 रुपये पहुंचते हैं। पात्र गर्भवती महिलाओं को पहली किश्त में एक हजार रुपये गर्भ धारण के 150 दिनों के अंदर  रजिस्ट्रेशन कराने पर, दूसरी किश्त में 2000 रुपये 180 दिनों के अंदर व तीसरी किस्त में 2000 रुपये प्रसव के बाद व शिशु के प्रथम टीकाकरण चक्र पूरा होने पर मिलते हैं। योजना में गर्भवती महिला का पंजीकरण, जांच और संस्थागत प्रसव होने के बाद ही पूरी धनराशि मिलती है। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवतियों को अपना आधार व खाता नंबर देना होता है। जनपद में अबतक 34 हजार  महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जा चुका है। योजना के तहत धनराशि सीधे उनके खाते में भेजी जाती  है।

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