राज्यसमाचार

75 के होने के बावजूद मंत्री पद बचाने में सफल रहे कलराज मिश्र

यूपी चुनाव के मद्देनजर नेतृत्व ने ब्राह्मण नेता को मंत्रिमंडल में बनाए रखने का फैसला किया

गोरखपुर, 5 जुलाई। मोदी मंत्रीमंडल में 75 का फार्मूला लागू किए जाने के बावजूद सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम मंत्री कलराज मिश्र मंत्री पद बचाने में कामयाब रहे। ऐसा यूपी विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण मतों के मद्देनजर किया गया।
ऐसी लगातार चर्चा होती रही है कि श्री मिश्र के मंत्रालय के प्रदर्शन से प्रधानमंत्री खुश नहीं हैं। उनके क्षेत्र देवरिया के लोगों को भी उम्मीद थी कि भाजपा का यह कद्दावर नेता मंत्री बनने के बाद क्षेत्र के विकास के लिए कोई बड़ा कार्य करेंगे लेकिन अभी तक वह अपनी सांसद निधि से कुछ छोटे कार्यों के अलावा कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं करा सके हैं। मंत्रीमंडल विस्तार में 75 के पार मंत्रियों की छंटनी का फार्मूला लगाए जाने के बाद कलराज मिश्र का नाम भी इसमें शामिल किया जाने लगा था क्योंकि इसी एक जुलाई को वह 75 वर्ष के हो गए। इसके बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में बनाए रखने का यही कारण है कि यूपी चुनाव के मद्देनजर भाजपा अभी ब्राहम्णों को नाराज नहीं करना चाहती। कलराज मिश्र की छवि यूपी में भाजपा के ब्राह्मण नेता के रूप में ही है। भाजपा नेतृत्व ने चंदौली के सांसद डा. महेन्द्र नाथ पांडेय को मंत्री बना कर संकेत दे दिया है कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण चेहरे के बतौर उन्हें उभारा जाएगा। इसके पहले भाजपा की राजनीति में खो से गए शिव प्रताप शुक्ल को राज्य सभा में लाकर नेतृत्व ने अपनी इसी ख्वाहिश को जाहिर किया था। यह संकेत है कि यूपी के चुनाव के बाद श्री मिश्र आडवाणी, जोशी, यशवंत सिन्हा की तरह मार्गदर्शक मंडल में भेजे जा सकते हैं।