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हाईवे पर सर्राफ को कार सहित जिंदा फूंका

सर्राफा कारोबारी आज बंद रखेंगे दुकान 

गोरखपुर , 9 अप्रैल। गोरखपुर के एक सर्राफ को रविवार की दोपहर फोर लेन पर तेनुआ प्लाजा के पास कार सहित जिंदा जला दिया गया। सर्राफ की शिनाख्त घंटाघर के हरिवंश गली निवासी नितिन अग्रवाल के रूप में हुई। जलाने से पहले हत्यारों ने डाइवर की बगल वाली सीट पर उसके हाथ-पैर बांध दिए थे ताकि वह कार से निकलकर भाग न सके। इस घटना से सराफा कारोबारी और व्यापारी नाराज हैं और सराफा कारोबारियों ने आज अपना व्यवसाय बंद करने का ऐलान किया है।
शुरू में घटना को खुदकुशी करार दे रही पुलिस ने बाद में नितिन के पिता की तहरीर पर हत्या का केस दर्ज कर लिया। शुरूआती पूछताछ में पता चला कि नितिन के घर में सम्पत्ति का विवाद था और रविवार की सुबह नितिन नाराज होकर घर से निकला था। इसी आधार पर पुलिस को खुदकुशी का मामला लगा लेकिन घटना स्थल की परिस्थितियां हत्या का सबूत दे रही थीं।

नितिन अग्रवाल अपनी पत्नी के साथ (फ़ाइल फोटो)

नितिन अग्रवाल अपनी पत्नी के साथ (फ़ाइल फोटो)

घंटाघर के हरिवंश गली निवासी गोविन्द अग्रवाल के एकलौते बेटे नितिन की घंटाघर में ही गहनों की दुकान है। वह सराफा कारोबार के अलावा दोस्तों के साथ प्रापर्टी का भी कारोबार करते थे।
वह रविवार की सुबह स्कूटी से घर निकला था। उसने घर बोला कि वह वसूली के लिए जा रहा है। घर वालों को दोपहर में खबर मिली कि नितिन अग्रवाल की कार में जलने से मौत हो गई है। इसके बाद वह मौक पर पहुंचे।
नितिन अग्रवाल जिस कार में जला मिला वह उसके दोस्त विष्णु अग्रहरि की थी। विष्णु अग्रहरि का कहना है कि कार नितिन की ही थी, रजिस्ट्रेशन उसके नाम से हुआ था।

दोपहर 12 बजे लोगों ने तेनुआ प्लाजा से पहले एक कार को धू-धू जलते देखा। लोगों ने इसकी जानकारी टोल प्लाजा के कर्मचारियों को दी तो वे और फायर ब्रिगेड के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। आग बुझाने के बाद कार का शीशा तोड़ा गया तो डाइविंग सीट के बगल वाली सीट पर एक व्यक्ति बुरी तरह जला मिला। उसकी मौत हो चुकी थी। कार के नम्बर से विष्णु अग्रहरि का नाम पता चला और उसके जरिए नितिन की शिनाख्त हुई।

नितिन अग्रवाल अपने पीछे पत्नी रश्मि अग्रवाल और दो छोटे बच्चों को छोड़ गए हैं।

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