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भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के इतिहास को भुलाने की कोशिश हो रही है -छात्र संघ अध्यक्ष अमन यादव

गोरखपुर विश्वविद्यालय गेट पर जरी हुआ ‘आजादी की डगर पे पांव ’ यात्रा का पोस्टर

‘ आजादी की डगर पे पांव ’ यात्रा एक अगस्त से राम प्रसाद बिस्मिल की समाधि, बरहज आश्रम से शुरु होगी

गोरखपुर, 26 जुलाई। देश में आजादी का बसंत लाने के लिए लाखों भारतीयो ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। तब फिरंगी हुकूमत की बर्बरतापूर्वक दमन का उसी की भाषा में जवाब देने के लिए नौजवानों का खून खौल उठा था। क्रांतिवीरों के लगातार बलिदान होने का सिलसिला जारी रहा। उस दौर के साहित्य, समाचार पत्रों ने अपनी जबरदस्त भूमिका का निर्वहन करते हुए निरन्तर आजादी की भावना की मशाल जलाए रखा लेकिन आजादी का दिन कहे जाने वाले 15अगस्त 1947 के बाद कांतिकारियों के सपनों का भारत बनाने के बजाए उन अनगिनत शहीदों के संघर्षो, त्याग और बलिदानों को भुला दिया गया। आजादी के 70 साल बाद हालत यह हो गई है कि नई पीढ़ी अपने क्रांतिधर्मी लड़ाका पुरखो का नाम तक नही जानती। स्कूली पाठ्य पुस्तकों से भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का इतिहास ही नदारद है।
यह बातें गोरखपुर विश्वविद्यालय गेट के सामने ‘आजादी की डगर पे पांव’ का पोस्टर जारी करते हुए छात्रसंघ अध्यक्ष अमन यादव ने कही। इस मौके पर आरटीआई एक्टिविस्ट अविनाश गुप्ता ने कहा कि उत्तर भारत के सबसे बड़े गुप्त क्रांतिकारी दल ‘मातृवेदी ‘ था जिसे अमर शहीद राम प्रसाद बिस्मिल जुड़े रहे. मातृवेदी से शुरु हुआ कुर्बानियों और हमारी विरासत का सफर एचआरए, एच एसआरए से गुजरता हुआ नौसेना विद्रोह तक जाता है।
धीरेन्द्र प्रताप ने कहा कि ‘ आजादी की डगर पे पांव ’ यात्रा आगामी 1 अगस्त से राम प्रसाद बिस्मिल की समाधि, बरहज आश्रम से शुरु होगी. चौरी चौरा स्मारक पर यात्रा का भव्य स्वागत होगा. रात्रि पड़ाव गोरखपुर में किया जाएगा। 2 अगस्त की सुबह गोरखपुर जेल में राम प्रसाद बिस्मिल को सलामी दी जाएगी। जिसे कई प्रमूख वक्ता संबोधित करेंगे। यात्रा के आयोजक शाह आलम ने बताया कि यह यात्रा गोण्डा जिला जेल की तरफ प्रस्थान करेगी। गौरतलब है कि यह यात्रा काकोरी एक्शन के नायको की याद में आयोजित हो रही है। यात्रा का रुट बरहज, चौरी चौरा, गोरखपुर, गोंडा, लखनऊ, काकोरी, शाहजहांपुर, बरेली, फतेहगढ़, बेवर, औरैया, कानपुर, उन्नाव, इलाहाबाद, बनारस और फैजाबाद है।

आजादी

इस सभी शहरों/ कस्बो में यात्रा के दौरान जंग ए आजादी के महानायको पर विविधि आयोजन हो रहे हैं। इस यात्रा को काकोरी केस के नायक रामकृष्ण खत्री के बेटे उदय खत्री, शहीद ए वतन अशफाक उल्ला खां के पौत्र अशफाक उल्ला खां, सरदार  भगत सिंह के पार्टी केन्द्रों के चीफ रहे डा. गया प्रसाद कटियार के बेटे क्रांति कुमार, प्रसिद्ध क्रांतिकारी लेखक सुधीर विधार्थी आदि अलग- अलग पड़ावो पर संबोधित करेंगे। यात्रा समापन के बाद काकोरी एक्शन डे पर तीन दिनी 11वां अयोध्या फिल्म फेस्टीवल शुरु होगा। यह फेस्टीवल अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद के विशाल स्वामी विवेकानंद सभागार में होगा। जिसमें देश विदेश के सरोकारी शख्सियते जुटेंगीं।

गोरखपुर यूनिवर्सिटी की छात्र नेत्री अन्नू प्रसाद ने जोरदार तरीके से बात करते हुए छात्रों से वादा दिलाया कि गोरखपुर की सरजमी पर यात्रा का एतिहासिक स्वागत किया जाएगा। जिसके लिए कई टीमे बनाई गयी है। इस अवसर पर, डा. हितेश सिंह,  कमलेश यादव, सुरेन्द्र कुमार, अमित कुमार, गुप्ता, ओंकार पटेल, सुनील गुप्ता, अमित वर्मा, शिव शंकर गौड़, योगेन्द्र प्रताप, राजीव यादव, सुनील पासवान, संतोष, भाष्कर, सत्येन्द्र, विपिन आदि ने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन छात्र नेता अमर सिंह पासवान ने किया।

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