महिला हिंसा, पुलिस दमन ,दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमलों के खिलाफ ऐपवा, आइसा, इनौस का प्रदर्शन 

उत्तर प्रदेश में योगी राज में महिलाओं में बढ़ती हिंसा, पुलिसिया दमन और दलितों और मुस्लिम समाज के ऊपर बढ़ती महिला हिंसा की घटनाओं के खिलाफ 18 जून को ऐपवा, आइसा, इनौस और भाकपा माले ने राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन किया। ये विरोध प्रदर्शन मथुरा, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, गाजीपुर, जौनपुर आदि जिलों में हुए।

ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने कहा कि योगी राज में महिलाओं के ऊपर दमन, हिंसा, बलात्कार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। हाल में लखीमपुर खीरी में तीन लड़कियों के साथ गन्ने के खेत में सामूहिक बलात्कार की जघन्य घटना हुई लेकिन इस मामले में एक की ही गिरफ्तारी हुई। मुख्य आरोपी अभी भी फ़रार है। इसी तरह हाल में प्रयागराज के एक अस्पताल में युवती के साथ यौन शोषण का शर्मनाक मामला सामने आया। इस केस में अस्पताल की मेडिकल टीम और पुलिस प्रशासन गठजोड़ ने कई सवाल खड़े किये क्योकि इस केस में एफआईआर तब दर्ज हुई जब युवती की मौत हो जाती है। यह सीधे तौर पर दर्शाता है कि यूपी में महिलाएं सुरक्षित नही है। उत्तर प्रदेश में सत्ता संरक्षण में पुलिस बलात्कारियो और अपराधियों को बचा रही है।

ऐपवा की राज्य सचिव कुसुम वर्मा ने कहा कि हाल में सोनभद्र में मानवाधिकार कार्यकर्ता मो. कलीम और उसके परिवार को पुलिस फर्जी आपराधिक धाराओं में फंसा रही है। इस जिले में नाबालिग छात्रा के साथ यौन हिंसा करने वाले चौकी इंचार्ज योगेंद सिंह पर अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई न होना दिखाता है कि उसे सरकार और पुलिस का संरक्षण प्राप्त है। ऐपवा की मांग है कि योगेंद्र सिंह को उसके पद से हटाया जाए और पोस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाय।

इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह व प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने सोनभद्र में नौजवान लड़की के ऊपर हुई पुलिसिया हिंसा व दर्ज एफआईआर का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार नौजवान लड़के-लड़कियों को टारगेट कर रही है ताकि सरकार की गलत नीतियों का विरोध ना हो सके. उन्होंने कहा कि नौजवान अपने हक अधिकार की लड़ाई जारी रखेगा. सरकारी दमन, मुकदमा और जेल जाने से नहीं डरेगा.

सोनभद्र में भाकपा माले कार्यकर्ता मोहम्मद कलीम पर हुए पुलिसिया दमन की निंदा करते हुए आइसा के प्रदेश उपाध्यक्ष नितिन राज ने कहा कि 12 वीं की छात्रा के साथ ( पुरुष) पुलिसकर्मियों द्वारा प्रताड़ित किया जाना तथा बालों से घसीट कर मारना एक प्रकार की यौन हिंसा ही है जिसकी जितनी निंदा हो कम है। आइसा यह मांग करती है कि इस हिंसा के जिम्मेदार चौकी इंचार्ज योगेंद्र सिंह को तत्काल बर्ख़ास्त किया जाय तथा पोक्सो एक्ट के तहत पुलिस इंचार्ज पर मुकदमा दर्ज किया जाय।