समाचारसाहित्य - संस्कृति

बारिश के बीच अलख कला समूह ने किया नाटक “ सदाचार की ताबीज ” का मंचन

गोरखपुर, 2 जुलाई. अलख कला समूह द्वारा आयोजित 15 दिवसीय नाट्य कार्यशाला के उपरांत तैयार नाटक “सदाचार की ताबीज” का मंचन मुंशी प्रेमचंद पार्क में बने मुक्ताकाशी मंच पर एक जुलाई को किया गया. बारिश के बावजूद न सिर्फ नाटक का मंचन हुआ बल्कि नाटक देखने अच्छी खासी संख्या में दर्शक भी पहुंचे.

यह नाटक मशहूर लेखक हरिशंकर परसाई के इसी नाम के लेख पर आधारित था जिसका नाट्य रूपांतरण मृत्युंजय उपाध्याय ‘नवल’ ने किया था. नाटक का निर्देशन कार्यशाला के प्रशिक्षक आदर्श कुमार ‘जिज्ञासु’ ( एमपीएसडी भोपाल) ने किया.

sadachar ka tabeej 4

“सदाचार की ताबीज” में भ्रष्टाचार को रेखांकित किया गया है । सदियों पहले भी भ्रष्टाचार आमजन पर हावी था और आज वर्तमान परिवेश में भी सबके सिर चढ़कर बोल रहा है. चाहे इसके जितने उपाय क्यों न किए गए हो पर भ्रष्टाचार है कि खत्म होने का नाम ही नहीं लेता है.

sadachar ka tabeej

राज्य में राजा इस बात से चिंतित है कि राज्य के साथ साथ भ्रष्टाचार उसके कुर्सी में भी आ गया है. इसके लिए विशेषज्ञ बुलाए जाते हैं, रिपोर्ट पेश करते हैं. भ्रस्टाचार को समाप्त करने के लिए एक साधू सदाचार की ताबीज देता है जिसे राजा सभी कर्मचारियों के हाथ में बाँधने का आदेश देता है. बड़ी तादाद में ताबीज बनाने में भी भ्रष्टाचार शुरू हो जाता है और राज्य के कर्मचारी उस  ताबीज को पहन कर भी घूस लेने से बाज नहीं आते हैं.

sadachar ka tabeej 3

नाटक में संतोष शुक्ला (राजा) ,मो० अनीस वारसी (साधु), आशुतोष पाल, निखिल पाल, नम्रता श्रीवास्तव, सुमिरन जीत मौर्य, अनन्या ,ममता पांडेय, कुलदीप शर्मा, स्मिता चौधरी, प्रदीप यादव, रीतिका उपाध्याय ,अमन कुमार ने अभिनय किया.

नाटक समापन के बाद प्रतिभागी कलाकारों को शहर के वरिष्ठ रंगकर्मी डॉक्टर मुमताज खान व जन नाटककार राजाराम चौधरी ने प्रमाण पत्र दिया । कार्यशाला के प्रशिक्षक आदर्श कुमार जिज्ञासु को अलख कला समूह के तरफ से डॉक्टर मुमताज खान ने मोमेंटम देकर सम्मानित किया.

sadachar ka tabeej 7

प्रेमचंद साहित्य संस्थान के सचिव मनोज कुमार सिंह ने आए हुए सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया. इस मौके पर बैजनाथ मिश्र ,बेचन सिंह पटेल, सुजीत कुमार श्रीवास्तव, शैलेश, सुभाष पाल, आनंद पाण्डेय,  श्रवण कुमार आदि उपस्थित थे.

Related posts