नसबंदी छोड़ परिवार नियोजन की अन्य सभी सेवाएं बहाल होंगी

गोरखपुर. ‘ बच्चे दो ही अच्छे’ की सोच को साकार बनाने के लिए जिले में परिवार नियोजन की सेवाएं एक बार फिर से तेज की जाएंगी, हालाँकि नसबंदी की सेवा अभी नहीं दी जाएगी।

इस संबंध में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद और मिशन निदेशक विजय विश्वास पंत ने जरूरी दिशा-निर्देश जारी किये हैं जिसके मुताबिक काम होगा। सभी सेवाएं कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दी जाएंगी। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि फ्रंटलाइन वर्कर्स लाभार्थियों के बीच जाकर उनकी आवश्यकता के अनुसार सेवाएं उपलब्ध कराएंगी।

मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि एसीएमओ आरसीएच डॉ. नंद कुमार की देखरेख में सेवाओं की समीक्षा की जा रही है। उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) इस कार्य में मदद कर रही है। फिलहाल त्रैमासिक इंजेक्शन अंतरा, कंडोम, साप्ताहिक गोली छाया, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, ओसीपी और ईसीपी जैसी अस्थायी सेवाएं ही दी जाएंगी और इनके वितरण में फिजिकल डिस्टेंसिंग समेत कोविड से बचाव के लिए हर सावधानी रखी जाएगी।

प्रवासियों की होगी काउंसिलिंग
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि मिशन निदेशक के निर्देशानुसार प्रवासियों के लिए स्थापित क्वारंटीन सेंटर्स पर काउंसिलिंग की व्यवस्था की जाए। साथ ही क्वारंटीन की अवधि पूरी हो जाने के बाद उन्हें परिवार नियोजन के अस्थायी साधन उपलब्ध कराए जाएं। परिवार नियोजन के इन साधनों की पर्याप्त उपलब्धता के भी निर्देश दिये गये हैं।

इनसे नहीं ली जाएगी सेवा
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य के निर्देशानुसार उन ब्लॉकों और शहरी क्षेत्रों में जहां कोविड-19 के केस रिपोर्टेड हैं, वहां पहले से कार्य कर रही फ्रंटलाइन वर्कर्स सिर्फ गर्भनिरोधक गोलियों और कंडोम का वितरण सुनिश्चित कराएंगी। अन्य क्षेत्रों में परिवार नियोजन संबंधित नसबंदी छोड़ कर अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। साथ ही यह भी निर्देश है कि जिन क्षेत्रों में कोविड-19 का हॉट स्पॉट है या कंटेनमेंट जोन है, वहां ड्यूटी करने वाले या निवास करने वाले और कोविड-19 के लक्षणों वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स की ड्यूटी इस कार्य में नहीं लगाई जाएगी, हांलाकि ऐसी जगहों पर वैकल्पिक व्यवस्था भी दी जाएगी। ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) पर भी परिवार नियोजन संबंधित अस्थायी सेवाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।