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परवेज़ परवाज़ की गिरफ्तारी मामला : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जुम्मन की गिरफ्तारी पर रोक लगाई

गोरखपुर. गैंग रेप के जिस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता परवेज परवाज़ को राजघाट पुलिस ने 25 सितम्बर की रात गिरफ्तार किया था, उस केस के दूसरे अभियुक्त जुम्मन की गिरफ्तारी पर इलाहबाद हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है.

परवेज परवाज और महमूद उर्फ जुम्मन के खिलाफ गैंग रेप का केस 4 जून 2018 को राजघाट थाने में दर्ज किया गया था. खोराबार थाना क्षेत्र के रूस्तमपुर निवासी एक महिला ने यह एफआईआर दर्ज करायी थी. उसने तहरीर में लिखा था कि ‘ वह अपने पति से अलग रहती है. वह झाड़-फूंक के लिए मगहर मस्जिद जाती थी जहां उसे महमूद उर्फ जुम्मन बाबा मिले. उन्होंने कई दरगाहों पर झाड़ फूंक की जिससे मुझे राहत मिली. तीन जून 2018 को उन्होंने रात 10.30 बजे पांडेयहाता के पास दुआ करने के बहाने बुलाया और एक सुनसान स्थान पर ले गए. वहां उन्होंने और उनके साथ मौजूद एक शख्स ने बलात्कार किया. उस शख्स को जुम्मन, परवेज भाई बोल रहे थे. घटना के बाद हमने मोबाइल से 100 नम्बर पर फोन किया. तब पुलिस आयी और हमें साथ ले गयी. ’

इस घटना को राजघाट पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या 175/2018 धारा 378 डी आईपीसी के तहत दर्ज किया. इस मामले की विवेचना राजघाट के एसओ ने की और घटना को फर्जी बताते हुए फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी लेकिन महिला की प्रार्थना पर इस मामले की दोबारा जाँच शुरू की गई.  परवेज़ परवाज़ और जुम्मन ने हाई कोर्ट इलाहबाद में गिरफ्तारी रोकने की याचिका दाखिल की थी जिस पर आज जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच के समक्ष सुनवाई हुई.

कल रात गिरफ्तारी हो जाने के कारण परवेज़ परवाज़ की याचिका पोषणीय नही रही मगर अदालत ने जुम्मन की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. हाई कोर्ट में जुम्मन का पक्ष वरिष्ठ एडवोकेट फरमान अहमद नकवी ने रखा. 

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