देवरिया। कोरोना उपचार के समय एक बार फिर 108 नंबर एंबुलेंस सेवा और एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एम्बुलेंस सेवा आम लोगों के लिए जीवनरक्षक साबित हो रही है। कोरोना काल में 108 और एएलएस एम्बुलेंस सेवा ने 2039 कोविड उपचाराधीन मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया है और इनमें से अधिसंख्य की जान बचाई जा सकी है। यही नहीं इस दौरान एम्बुलेंस टीम के पांच कर्मी भी कोरोना से बीमार हुए। इन कर्मचारियों ने कोरोना को मात दिया और फिर मरीजों की सेवा में लग गए।
एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. बीपी सिंह ने बताया जिले में 35 एम्बुलेंस 108 सेवा की और चार एएलएस एंबुलेंस हैं। इनमे से तीन एलएस एम्बुलेंस और 16 एम्बुलेंस 108 नंबर सेवा की विशेष तौर पर कोरोना संक्रमित मरीजों की मदद के लिए तैनात किए गए हैं। इस प्रकार विशेष तौर पर तैयार 19 एंबुलेंस कोरोना मरीजों परिवहन में लगाए गए हैं। सभी एंबुलेंस में ड्राइवर और कंपाउंडर को पीपीई किट उपलब्ध कराए गए हैं ताकि इन्हें बीमारी के खतरों से बचाया जा सके।
उन्होंने बताया कि जीवीके फाउंडेशन के प्रतिनिधि के तौर पर प्रोग्राम मैनेजर अमितेश श्रीवास्तव को 24 घंटे मोबाइल पर अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। सभी 19 एंबुलेंस पर 12-12 घंटे की शिफ्ट में दो-दो (एक पॉयलट और दूसरा ईएमटी) लगाए गये हैं। सुरक्षात्मक उपायों को अपनाते हुए 108 एंबुलेंस मरीजों को पहुंचाती है। आवश्यकतानुसार वेंटीलेटर या फिर ऑक्सीजन की सुविधा भी एंबुलेंस में दी जा रही है।
जिला प्रोग्राम मैनेजर अमितेश श्रीवास्तव ने बताया कि एंबुलेंस में सैनेटाइजेशन का इंतजाम किया गया है। कोविड मरीज को पहुंचाने के बाद गाड़ी सैनेटाइज की जाती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीपीई किट, मॉस्क, ग्लब्स, सैनेटाइजर समेत सभी सुरक्षात्मक उपकरण दिये गए हैं। होम आइसोलेशन की व्यवस्था लागू होने से पहले प्रतिदिन औसतन 50-60 मरीज तक पहुंचाने पड़ते थे लेकिन अभी दबाव थोड़ा कम है। इस समय औसतन 15-से 20 मरीज अस्पतालों में पहुंचाए जा रहे हैं। पांच माह में कोरोना काल के दौरान 108 एम्बुलेंस ने 1419 और एएलएस एम्बुलेंस ने 620 कोविड उपचाराधीन मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल पहुँचाया।
कोरोना को मात देकर फिर मरीजों की सेवा में लगे स्वास्थ्यकर्मी
जिला समन्यवक संतोष कुमार ने बताया कोरोना काल की शुरुआत के बाद कोरोना उपचाराधीन मरीजों को सेवा में लगी एम्बुलेंस टीम के पांच कर्मी ईएमटी मुन्ना यादव, जोखन, चालक संजीत यादव, दुर्गेश और मनोज भी कोरोना से बीमार हो गए, जिन्होंने समुचित इलाज और अच्छे खानपान के बाद कोरोना को मात दे दिया। स्वस्थ होने के बाद सभी पांचों कर्मी फिर कोरोना उपचाराधीन मरीजों को सेवा लगे हैं। उन्होंने बताया कि औसतन एक दिन में 15 से 20 कोरोना उपचाराधीन मरीजों को अस्पताल पहुँचाया जा रहा है।