आशा ट्रस्ट ने कोविड संकट में उल्लेखनीय कार्य के लिए 40  ग्रामीण चिकित्सकों को सम्मानित किया 

वाराणसी। कोरोना संकट के दौरान उल्लेखनीय सेवा प्रदान करने वाले ग्रामीण चिकित्सकों को चिन्हित करके सामाजिक संस्था ‘आशा ट्रस्ट’ द्वारा “कोरोना योद्धा सम्मान” से सम्मानित किये जाने का निर्णय लिया है. इस क्रम में मंगलवार को राजातालाब कस्बे में स्थित एक लॉन में ट्रस्ट द्वारा मनरेगा मजदूर यूनियन द्वारा चयनित किये गये क्षेत्र के 40 चिकित्सकों को सम्मानित किया गया. सम्मान पत्र के साथ ही उन्हें एक ‘स्वास्थ्य रक्षक किट’ भी प्रदान की गयी जिसमे आक्सीमीटर, थर्मामीटर, थर्मल स्कैनर, वेपोराइजर, फेस शील्ड, दस्ताना, मास्क, उपयोगी दवाएं आदि है जिसका चिकित्सा के दौरान प्रयोग किया जा सके.

कार्यक्रम में डॉ.जे.पी.पाल, पवन गुप्ता, प्यारेलाल, नागेश श्री,रामबली,रामदुलार,दशरथ, राजनाथ,अजय कुमार, प्रकाश कुमार, कल्लू प्रसाद यादव, विश्वास चंद्र, हंसराज, दयाराम,आर.के. पाल, ऋतु प्रिया सिंह, लालजी, लोहा सिंह, बाबुलाल, छविनाथ, लक्ष्मी शंकर यादव, धर्मा देवी, ए. के.वर्मा, रमेश, महंगू, मुन्ना, सुरेंद्र,गोविंद, राहुल,अभय,रामदुलार, शोभनाथ,राजेश केसरी, राजू,दिनेश राम,रविशंकर,नित्यानंद सम्मानित किए गए। इसके अलावा पत्रकार राजकुमार गुप्ता, मयंक, मुश्ताक, दयाशंकर पांडेय, त्रिपुरारी यादव,रवि पांडेय,देवेंद्र वर्मा, कृष्णकांत मिश्रा को भी सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम का संयोजन कर रहे मनरेगा मजदूर यूनियन के संयोजक सुरेश राठोर ने कहा कोरोना संकट की दूसरी लहर के दौरान गाँव गाँव में चिकित्सा सेवा से जुड़े लोगों का बहुत ही सराहनीय और उल्लखनीय योगदान रहा, जब सरकारी अस्पतालों और बड़े अस्पतालों में बेड और आक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ था उस समय दूर दराज गाँवों में चिकित्सकजन ने बड़े ही जिम्मेदारी से पीड़ित और संक्रमित लोगों को चिकित्सा सुलभ करायी. इन चिकित्सको के पास प्रायः बड़ी डिग्री नही होती लेकिन इनका विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज करने का अनुभव कही बहुत ज्यादा है और यही कारण था कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इन चिकित्सकों ने ग्रामीण क्षेत्र में हजारों लोगों की जान बचाई.

 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि महेंद्र सिंह पटेल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सेवा कर रहे निजी चिकित्सकों ने महामारी के दौर में मानवता की सेवा की मिसाल कायम की है, उन्हें प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है, इससे उनमे भविष्य में और बेहतर सेवा करने का आत्मविश्वास जगेगा.

आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा ग्रामीण चिकित्सकों को आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के उपयोग का प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर वे और अच्छी सेवा दे सकें. उन्होंने कहा कि देश में सभी को बेहतर स्वास्थ्य के अधिकार के लिए जन आंदोलन की आवश्यकता है, जिसमे प्रति 1000 की आबादी पर न्यूनतम आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग हो.

किसान नेता योगीराज पटेल ने कहा कि प्रत्येक गाँव में मानदेय पर जन स्वास्थ्य रक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए जिससे ग्रामीण क्षेत्र में रक्तचाप, मधुमेह, ऑक्सीजन स्तर आदि सामान्य जांच की सुविधा आसानी से सुलभ हो सके.

कार्यक्रम में अनेक ग्रामीण चिकित्सकों ने कोरोना संकट काल के समय के अपने अनुभवों को साझा किया.

कार्यक्रम के दौरान कोरोना अवधि में अपनी जान जोखिम में डाल कर पत्रकारिता की जिम्मेदारी का निर्वाह करने वाले ग्रामीण पत्रकार बंधुओं को भी स्वास्थ्य सुरक्षा किट एवं सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रेनु पटेल,महेश पांडेय,ओमप्रकाश,अरविंद पटेल,नेहा जायसवाल,अजय कुमार,अली हसन,प्रियंका,निशा,पूजा,रीना, मुस्तफा,श्रद्धा,रोहित,अरमान, महेंद्र,अनिता,नैना,पार्वती, सरस्वती,मंजू आदि लोग शामिल हुए।