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योगी राज में महिलाओं पर हो रहा है बर्बर दमन-ऐपवा

गोरखपुर। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा ) की राज्य कार्यकारिणी की गोरखपुर में 16 नवंबर को हुई बैठक में कहा गया कि उत्तर प्रदेश पुलिस राज में तब्दील हो गया है। लोकतांत्रिक ढंग से अपने हक अधिकार की बात करना इस सरकार में गुनाह बन गया है। सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, लखीमपुर से लेकर शाहजहांपुर तक रोजी-रोटी रोज़गार के लिए सड़कों पर निकलकर प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को फर्जी मुक़दमे में फंसा देना आम परिघटना बनती जा रही हैं।  ऐपवा उत्तर प्रदेश में योगी राज में महिलाओं पर हो रहे बर्बर दमन के खिलाफ़ पुरजोर ढंग से आवाज़ उठायेगी।

कार्यकारिणी की बैठक में नौ नवम्बर को शाहजहांपुर में आशा कार्यकर्ता पूनम पांडे की पुलिस द्वारा बर्बर पिटाई और आशा कार्यकर्ताओं के ऊपर लादे गए फर्जी मुक़दमें के ख़िलाफ़ ऐपवा विरोध प्रदर्शन भी किया गया।

बैठक में ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी ने कहा कि आज जब पूरे प्रदेश में अपने रोज़गार और उत्पीड़न के सवाल पर आशा बहनें सड़कों पर लोकतांत्रिक ढंग से आन्दोलरत हैं तो आशाओं की समस्याओं का समाधान करने के बजाय मुख्यमंत्री योगी की पुलिस ने शाहजहांपुर में धरना दे रही आशा कार्यकर्ता पूनम पांडे की बर्बर पिटाई की। पुलिस की इस मार से पूनम पांडे की आंखों, और उनके प्राइवेट अंगों पर कई चोटें भी आईं हैं। सिर्फ इतना ही नहीं पुलिस ने जिले में आंदोलनरत सभी आशाओं पर फर्जी मुक़दमें भी लाद दिये हैं।

 

ऐपवा उपाध्यक्ष आरती राय ने कहा कि शाहजहांपुर की घटना के खिलाफ आज ट्रेड यूनियन एक्टू और आशा वर्कर्स यूनियन के राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन के साथ ऐपवा एकजुटता प्रदर्शित करती है। ऐपवा मांग करती है कि शाहजहांपुर की आशा कार्यकर्ता पूनम पांडे प्रकरण की न्यायिक जांच की जाए और दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। आरती राय ने यह भी कहा कि शाहजहांपुर में आन्दोलरत सभी आशाओं पर से फर्जी मुकदमे तत्काल हटाये जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि उत्तर प्रदेश में स्वाथ्य मिशन को घर-घर पहुंचा रही आशा कार्यकर्ताओं की सभी मांगो को संज्ञान में लेकर तत्काल उन्हें पूरा करे अन्यथा उत्तर प्रदेश में आशाओं के सवाल पर आशा वर्कर्स यूनियन के साथ ऐपवा भी आन्दोलरत होगी।

 

 

ऐपवा राज्य सचिव कुसुम वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी द्वारा पूरे उत्तर प्रदेश को पुलिस राज में तब्दील कर दिया गया है। लोकतांत्रिक ढंग से अपने हक अधिकार की बात करना इस सरकार में गुनाह बन गया है। सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, लखीमपुर से लेकर शाहजहांपुर तक अपनी रोजी-रोटी रोज़गार के लिए सड़कों पर निकलकर प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को फर्जी मुक़दमे में फंसा देना आम परिघटना बनती जा रही हैं। कुसुम वर्मा ने कहा की आगामी 26 नवम्बर, संविधान दिवस पर ऐपवा उत्तर प्रदेश में योगी राज में महिलाओं पर हो रहे बर्बर दमन के खिलाफ़ पुरजोर ढंग से आवाज़ उठायेगी।

राज्य कार्यकारिणी की बैठक के एक दिन पहले 15 नवम्बर को ऐपवा गोरखपुर जिला इकाई की बैठक भी हुई। बैठक का नेतृत्व जिला सचिव जगदम्बा और जिलाध्यक्ष मनोरमा द्वारा किया गया। बैठक में निर्णय लिया कि गोरखपुर में ऐपवा योगीराज में महिलाओ पर बढ़ती हिंसा और असुरक्षा की भावना केंखिलाफ़ अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएगी और आगामी 26 नवम्बर के राज्यव्यापी प्रदर्शन को गोरखपुर में सफलतापूर्वक संगठित करने का प्रयास करेगी।