भोजपुरी संगम की 121 वीं बइठकी में भोजपुरी कहानी ‘बंटवारा’ का पाठ

गोरखपुर। भोजपुरी संगम की 121 वीं बइठकी वरिष्ठ भोजपुरी साहित्यकार डॉ रवींद्र श्रीवास्तव जुगानी के आवास पर तुर्कमानपुर, गोरखपुर में हुयी। बइठकी की अध्यक्षता डॉ आद्या प्रसाद द्विवेदी ने तथा संचालन श्री नंद कुमार त्रिपाठी ने किया।

‘बइठकी’ दो सत्रों में हुई जिसके प्रथम सत्र में डॉ.फूलचंद प्रसाद गुप्त ने अपनी भोजपुरी कहानी ‘बंटवारा’ का पाठ किया। कहानी की समीक्षा करते हुए प्रोफेसर आर.डी.राय ने इसे आम जन-जीवन की कहानी बताया एवं कहा कि यह आज के यथार्थ, मनोविज्ञान एवं कल्पना तीनों को आकर्षक ढंग से समाहित करती है। उन्होंने कहानी का अंत सुखद व संदेशप्रद बताया। अपनी समीक्षा में आकाशवाणी के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ब्रजेन्द्र नारायण ने कहानी का विषय महत्वपूर्ण बताते हुए इसमें कुछ सजीव दृश्यों को जोड़कर इसे और सशक्त और जीवंत बनाने की बात कही, साथ ही कहानीकार को बधाई दिया।

डॉ. रवीन्द्र श्रीवास्तव ‘जुगानी’ ने अपनी समीक्षा में कहा कि एक अच्छी व सफल कहानी का कभी अंत नहीं होता है तथा पाठक अपने को उसी कहानी में देखता है, इस दृष्टि से श्री गुप्त जी की कहानी को सफल बताया तथा उन्हें भोजपुरी गद्य-संसार को समृद्ध करने के लिए बधाई दिया। अध्यक्षता कर रहे डॉ.आद्या प्रसाद द्विवेदी ने अपनी टिप्पणी में इसे समाज की विसंगति पर आधारित सुखांत कहानी बताते हुए इसमें यथार्थ दर्शाने की जरूरत पर बल दिया साथ ही कहानी को साहित्य की सेसर विधा कहा।

बइठकी के दूसरे व कवितई-सत्र की शुरुआत वागेश्वरी प्रसाद मिश्र ‘वागीश’ की सरस्वती वंदना से हुई।। यह सत्र पूरी तरह से होली पर केन्द्रित रहा। अधिकांश रचनाकारों ने होली गीत प्रस्तुत किया। इस सत्र में सर्वश्री नरसिंह बहादुर चंद, डा. बहार गोरखपुरी, भीम प्रसाद प्रजापति, सृजन गोरखपुरी, डॉ.अजय अंजान, नर्वदेश्वर सिंह, शंभू नारायण, राम नरेश शर्मा ‘शिक्षक’, इम्तियाज लक्ष्मीपुरी, सुधीर कुमार मिश्र, रामसमुझ ‘सांवरा’, डॉ.फूलचंद गुप्त, रविंद्र श्रीवास्तव जुगानी, नंद कुमार त्रिपाठी व नीलकमल गुप्त ‘विक्षिप्त’ ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। संरक्षक इंजीनियर राजेश्वर सिंह, श्री रवींद्र मोहन त्रिपाठी एवं डॉ अविनाश पति त्रिपाठी भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में ‘भोजपुरी संगम” के संयोजक श्री कुमार अभिनीत ने अगले माह की बइठकी के बारे में सबको अवगत कराया तथा होली की शुभकामना देते हुए सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया।