संविदा नौकरी का भाजपा एमएलसी ने विरोध किया, कहा-नौजवानों में रोष है, मैं नौजवानों के साथ 

गोरखपुर। यूपी सरकार द्वारा समूह ख और समूह ग की सेवा नियमावली में परितर्वन कर कर्मचारियों को पहले पांच वर्ष तक संविदा पर नियुक्ति किए जाने के प्रस्ताव का भाजपा में भी विरोध शुरू हो गया है। भाजपा के एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस प्रस्तावित प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करने की मांग की है और कहा है कि इस परिवर्तन से सरकारी सेवाओं में नियुक्त होने वाले नौजवानों का शोषण और कदाचार बढ़ेगा। नवनियुक्त कर्मचारी पांच वर्ष तक के लिए अधिकारियों के बंधुआ मजदूर बन जाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा है कि इसके लागू होने से सरकार और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचेगा। युवाओं में इसके खिलाफ काफी नाराजगी है और वे इस मुद्दे पर नौजवानों के साथ सदैव खड़े रहेंगे।

श्री सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि वर्तमान समय में समूह ख और समूह ग की सेवा नियमावली में व्यापक परिवर्तन किए जाने का प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। उक्त परिवर्तन के बाद इन संवर्गों के कर्मचारी नियुक्त होने के बाद सर्वप्रथम पांच वर्ष तक संविदा पर नियुक्त होंगे, जिनका हर छह माह पर कार्यालयाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष और शासन के अधिकारियों द्वारा मिजरेबल कोपरफार्मेंस इंडिकेटर (एमकेपीआई ) के माध्यम से मूल्यांकन समीक्षा किया जाएगा। नियमित होने के लिए कर्मचारी को मूल्यांकन के प्रत्येक वर्ष न्यूनतम 60 फीसदी अंक प्राप्त करना होगा। किसी भी दो छमाही में 60 फीसदी से कम अंक पाने पर सेवा से वंचित कर दिया जाएगा।

श्री सिंह ने लिखा है कि इस नई प्रस्तावित सेवा नियमावली के अस्तित्व में आने से सरकारी सेवाओं में नियुक्त होने वाले नौजवानों का शोषण और कदाचार बढ़ेगा। नवनियुक्त कर्मचारी पांच वर्ष तक के लिए अधिकारियों के बंधुआ मजदूर बन जाएंगे और अधिकारी वर्ग नई सेवा नियमावली को तरह-तरह से शोषण करने का औजार बना सकती है। हर छह महीने में होने वाले मूल्यांकन समीक्षा के नाम पर नवनियुक्त कर्मचारी से धनउगाही और अधिकारियों द्वारा उनसे अपने निजी कार्य कराने की प्रवृत्ति बढ़ेगी जिससे कर्मचारी अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार के साथ ही आपसी मतभेद व दूरी भी बढ़ेगी जो आगे चलकर सरकारी कार्यालयों में दुर्व्यवस्था की जड़ बन जायेगी। यह व्यवस्था अत्यंत ही दोषपूर्ण अन्याय व शोषण को बढ़ावा देने वाली है। इसके लागू होने से सरकार और पार्टी की छवि को भी नुकसान पहुंचने की पूरी संभावना है। इस प्रस्ताव को लेकर आम जनता, खासकर युवा वर्ग में काफी नाराजगी दिख रही है। मै हर हाल में नौजवानों के साथ रहूंगा।

भाजपा एमएलसी कहा कि मुख्यमंत्री समूह ख व समूह ग की सेवा नियमावली में परिवर्तन को निरस्त करें ताकि किसी अधिकारी को कर्मचारियों के शोषण का हथियार न मिल सके और आम जनमानस में रकार की छवि कर्मचारी विरोधी होने से बच सके।