समाचार

कर्बला के 72 शहीदों की याद में 72 पौधे लगाने का अभियान शुरु

दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद पर उलेमा ने लगाये पौधे

गोरखपुर। माह-ए-मुहर्रम में पैगंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के नवासे हजरत सैयदना इमाम हुसैन व उनके 72 साथी हक का परचम बुलंद करते हुए कर्बला में शहीद हुए। रविवार पहली मुहर्रम को तंजीम कारवाने अहले सुन्नत के नौजवान कर्बला के शहीदों को कुछ अलग अंदाज में याद करते हुए समाज को पर्यावरण के प्रति जागरुक करते नज़र आए। तंजीम के नौजवानों ने कर्बला के 72 शहीदों व हजरत उमर रजियल्लाहु अन्हु की याद में शहर की दरगाहों, मस्जिदों, कब्रिस्तानों व मदरसों में 72 पौधे लगाने का अभियान शुरु किया है।

इसका शुभारंभ दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद नार्मल से किया गया। दरगाह पर सात पौधे उलेमा-ए-किराम ने लगाए। यह पौधारोपण पहली मुहर्रम से दसवीें मुहर्रम तक जारी रहेगा। गुलाब, गेंदा, बेला, आम, चमेली, तुलसी, अमरुद, नीम, जामुन, इमली आदि पौधों का रोपण होगा। पौधे वहां लगाये जायेंगे जहां उनकी देखभाल व सुरक्षा हो सके।

इस मौके पर मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम में पौधा लगाना बहुत नेकी का काम है। पैगंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जो बंदा कोई पौधा लगाता है या खेतीबाड़ी करता है, फिर उसमें से कोई परिंदा, इंसान या अन्य कोई प्राणी खाता है तो यह सब पौधा लगाने वाले की नेकी में गिना जाएगा।

दरगाह मस्जिद के इमाम मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने कहा कि पैगंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया जो भी खजूर का पेड़ लगाएगा, उस खजूर से जितने फल निकलेंगे, अल्लाह उसे उतनी ही नेकी देगा। पेड़-पौधा लगाना भी एक प्रकार का सदका व नेकी है।

तंजीम के सदर मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी ने बताया कि दीन-ए-इस्लाम में पेड़-पौधों की बड़ी अहमियत बयान की गई है। पैगंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के समय में अरब देश की मरुभूमि में राहगीर सफर में धूप और प्यास से बिलबिला उठते थे।

इस पर पैगंबर-ए-आज़म की ओर से हुक्म हुआ कि रास्तों के किनारे छायादार पेड़ लगाए जाएं और वहां कुएं खुदवाए जाएं। बाद में ऐसा ही हुआ। पैगंबर-ए-आज़म ने फ़रमाया जो शख्स पौधा लगाता है फिर उस पेड़ से जितना फल पैदा होता है अल्लाह फल की पैदावार के बक़द्र पौधा लगाने वाले के लिए नेकी लिख देता है।

इसलिए अबकी बार तंजीम शहीद-ए-कर्बला की याद में पौधारोपण कर समाज में पर्यावरण के प्रति जागरुकता लाने का प्रयास कर रही है ताकि लोग समझे की पेड़ पौधे हमारी जिंदगी में बहुत अहमियत रखते हैं।

इस मौके पर कारी शराफत हुसैन कादरी, मौलाना कैसर रज़ा अमजदी, मनोव्वर अहमद, रमज़ान अली, मौलाना रियाजुद्दीन कादरी, जमशेद अहमद, नूर मोहम्मद दानिश, अलाउद्दीन निज़ामी, मो. कलीम अशरफ, आसिफ सर्राफ सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

वहीं तंजीम शहर के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के बीच 72 दीनी किताब (जदीद फिक्ही मालूमात व अन्य) नि:शुल्क बांटेगी। माह-ए-मुहर्रम में गरीबों, मरीजों व फकीरों में फल भी वितरित किया जायेगा। तंजीम द्वारा शर्बत व पानी का स्टॉल लगाया जायेगा। दसवीं मुहर्रम को बाद नमाज जोहर नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर पर तीन कुंतल लंगर-ए-इमाम हुसैन आमजन में बांटा जायेगा।

इसके अलावा बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर पर 4 मुहर्रम को बाद नमाज एशा, 7 व 9 मुहर्रम को बाद नमाज असर, 5 मुहर्रम को मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार में बाद नमाज जोहर, 7 मुहर्रम को बाद नमाज मगरिब नूरी जामा मस्जिद अहमदनगर चक्शा हुसैन पर लंगर-ए-इमाम हुसैन आमजन में बांटा जायेगा। इसके अलावा विभिन्न मोहल्लों में भी लंगर बंटेगा। शर्बत-पानी का स्टॉल भी लगेगा। खिचड़ा व मीठा चावल भी बांटा जायेगा।

Related posts