मदरसों में विज्ञान,गणित पढ़ाने वाले शिक्षकों को केंद्र सरकार ने 50 महीने से मानदेय नहीं दिया

मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक 5 अक्टूबर को जंतर मंतर पर प्रदर्शन करेंगे 

गोरखपुर। केंद्र पुरोनिधानित मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत उत्तर प्रदेश के मदरसों में विज्ञान, गणित, हिंदी-अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षकों को केंद्र सरकार की ओर से पचास माह से मानदेय नहीं मिला है। कोरोना काल व लॉकडाउन में इन शिक्षकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। शिक्षकों ने तय किया है कि बकाया मानदेय के लिए 5 अक्टूबर को जतंर मंतर नई दिल्ली में तमाम जिलों के मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक विरोध प्रदर्शन करेंगे।

मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक एकता समिति के जिलाध्यक्ष मो. इरफान खान ने बताया कि 25500 मदरसा शिक्षकों को 50 माह से केंद्र सरकार ने मानदेय नहीं दिया है। हालात बद से बदतर हो गए हैं। मंडल अध्यक्ष श्रीमती मधु शाही व मीडिया प्रभारी फैजान सरवर ने बताया कि मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक मदरसे में विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, कंप्यूटर विषयों की शिक्षा दे रहे हैं लेकिन पचास माह से केंद्र सरकार ने मानदेय नहीं दिया है। यह नाइंसाफी है। इलाज के अभाव में कई मदरसा शिक्षकों का आकस्मिक निधन भी हो चुका है। शिक्षक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।

समिति के सचिव आसिफ महमूद ने बताया कि मदरसा शिक्षक बकाया मानदेय की मांग को लेकर 5 अक्टूबर को जंतर मंतर नई दिल्ली में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विरोध प्रदर्शन करेंगे। मदरसा शिक्षकों का परिवार कठिन परिस्थितयों से गुजर रहा है। कई बार गुहार लगायी गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मजबूर होकर विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है। उन्होंने मदरसा शिक्षकें से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है।

बताते चलें कि मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत केंद्र सरकार स्नातक शिक्षक को छह हजार रुपये और स्नातकोत्तर शिक्षक को 12 हजार रुपये मानदेय देती है। वहीं राज्य सरकार स्नातक शिक्षक को दो हजार रुपये और स्नातकोत्तर शिक्षक को तीन हजार रुपये अलग से देती है। केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाला मानदेय पचास माह से नहीं मिला है। जिले में सैकड़ों मदरसा शिक्षक कार्यरत हैं। मानदेय रोके जाने से शिक्षक नाराज हैं। कोरोना काल व लॉकडाउन में इनके परिवार की हालत और भी खराब हो गई है।