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बिजली विभाग के अफसरों पर नाराज हुए नगर विधायक, कार्यप्रणाली में बदलाव लाने की चेतावनी दी

गोरखपुर. नगर विधायक डाक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने आज अपने निवास पर विद्युत विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि नागरिकों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ अब कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. अधिकारी या तो अपनी कार्यप्रणाली में परिवर्तन लायें या कड़ी कार्यवाही के लिए तैयार रहें.

बैठक में नगरीय विद्युत वितरण के अधीक्षण अभियंता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

नगर विधायक ने कहा कि नागरिक लगातार यह शिकायत कर रहे हैं कि बिजली सुधार के नाम पर गोरखपुर में इतना पैसा मुख्यमंत्री भेज रहे हैं लेकिन न तो विद्युत सेवा में सुधार हो रहा है और न ही अधिकारियों का व्यवहार ही संवेदनशील हो रहा है. इन्तहा तो यह हो गई है कि खुद दाऊदपुर में 3-4 दिन पूर्व 12 घण्टे लगातार बिज़ली नहीं थी और अधिकांश अधिकारी टेलीफोन इन्गेज करके सोये पड़े थे. अंत में मजबूर होकर उन्हें ऊर्जा मंत्री श्री कान्त वर्मा को फोन करना पड़ा,तब जाकर बिजली आ पाई.

नगर विधायक ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बिजनेस प्लान में बिजली व्यवस्था सुधार के नाम पर धन की बंदरबाट न किया जाये बल्कि पहली प्राथमिकता पर बिजली के वे काम कराये जायें,जिससे नागरिकों का सीधा संबंध है.

डा अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अनाप-शनाप योजना बनाने की जगह सबसे पहले शहर में बांस-बल्ली पर हो रही आपूर्ति व्यवस्था को प्राथमिकता पर समाप्त किया जाये और सभी स्थानों पर पत्थर के पोल लगवाये जायें, जर्जर तारों को पूरी तरह से बदला जायें और शहर के पिछड़े अर्धविकसित क्षेत्रों को बिजनेस प्लान से ही, विद्युत नियामक आयोग के निर्देशों के तहत वैधानिक रूप से कनेक्शन दिये जाये।

नगर विधायक ने कहा कि शहर के बहुत बड़े  इलाके में हाईटेन्शन और 33 केवी तारों के नीचे नागरिकों ने मकान बना लिये और बहुत जगहों पर भू-माफियाओं ने कालोनी बना दी और बिजली विभाग के अधिकारियों ने घूस लेकर उन्हें विद्युत कनेक्शन भी दे दिये। इन सभी क्षेत्रों में नागरिक भयग्रस्त जीवन जीते हैं,जबकी लापरवाही बिजली विभाग की है । इसलिए सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ आवासीय क्षेत्रों के ऊपर से गुजर रहे सभी हाईटेन्शन तथा 33 केवी तारों को सरकारी खर्चे पर दूसरे रास्तों पर डाला जाना चाहिए।

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