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इस्लामिक स्कॉलर मौलाना अब्दुल अजीज मदनी तैयबी के निधन पर शोक

बढनी (सिद्धार्थनगर)। नेपाल के प्रतिष्ठित इस्लामिक शिक्षण संस्थान जामिया सिराजूल उलूम सल्फ़िया झंडानागर नेपाल के मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना अब्दुल अजीज मदनी तैयबी को बाद नमाज़े असर दुधवनिया के कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। उनके निधन से क्षेत्र में रंजो ग़म का माहौल है।

नेपाल मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ अब्दुल गनी अल क़ूफ़ी ने मदनी के निधन पर गहरा अफसोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि मौलान ने सिराजूल उलूम में करीब पैंतीस वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं।उनके पढ़ाये हुए बच्चे देश दुनिया मे उच्च पदों पर आसीन होकर अपनी सेवा दे रहे हैं।

डॉ अलक़ूफ़ी ने बताया कि मौलाना की पैदाइश 05 मार्च 1948 को तैयबा पुर हुई थी। वह बहुत मृदु भाषी और सरल व्यक्तित्व के धनी थे।इस्लामी दुनिया मे उन्हें बड़ा मुकाम हासिल था।आरम्भिक शिक्षा उन्होंने अपने पैतृक गांव से हासिल की।उन्हें मदीना यूनिवर्सिटी से भी उपाधि मिली थी।

मदरसा बोर्ड नेपाल के महासचिव मौलान मशहूद नेपाली ने बताया कि मौलाना मदनी ने नेपाल और भारत के मशहूर इस्लामिक शिक्षण संस्थाओं में अध्यापन कार्य किया।कृष्णनगर स्थित जामिया सिराजूल उलूम में वह 1986 से जुड़े और करीब तीन दशक तक खिदमत की।मौलाना मशहूद ने कहा कि मदनी के निधन हम लोगों के लिए बड़ी क्षति है।

मौलाना अब्दुल अजीज मदनी के निधन पर सिराजूल उलूम के प्रबन्धक मौलाना शमीम अहमद नदवी, मौलाना खुर्शीद अहमद सल्फी, मौलाना असलम , मौलाना मन्नान सल्फी, मौलाना अज़ीम , ज़ाहिद आज़ाद, डॉ अब्दुल बारी खान, इंजीनियर इरशाद अहमद खान, अब्दुल मोईद खान,रियाज़ अहमद,जमाल खान, डॉ फैजान अहमद, अफ़ज़ल अहमद, डॉ सग़ीर खान, मुस्तन सेरुल्लाह खान, जमील सिद्दीकी, मेहबूब खान, सग़ीर ए ख़ाकसार ने गहरे रंजो ग़म का इज़हार किया है।

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