कोरोना के प्रति समाज को सचेत करेंगे कोरोना चैंपियंस, 25 कोरोना चैपियंस का हुआ वर्चुअल प्रशिक्षण

गोरखपुर। कभी खुद कोरोना से लड़ कर इस बीमारी से आजादी पा चुके कोरोना चैंपियंस अब समाज को इसके प्रति सचेत करेंगे। खासतौर से कोरोना के संक्रमण की जद में आने वाले लोगों के मन से भय का खात्मा किया जाएगा। इसके लिए वीडियो, लेख,सोशल मीडिया और फोन कॉल माध्यम बनेगा।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि इस निमित्त जिले के 25 कोरोना चैपियंस को स्वास्थ्य विभाग ने यूनीसेफ की मदद से गुरूवार और शुक्रवार को वर्चुअल प्रशिक्षण दिलवाया है। अतिशीघ्र यह लोग अपनी भूमिका का निर्वहन भी शुरू कर देंगे।

मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि गोरखपुर जनपद में इस अभियान को सुचारू तौर पर चलाने के लिए अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी के.एन. बरनवाल, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल, यूनीसेफ की सोशल मोबलाइजेशन नेटवर्क टीम से गवासुद्दीन और नीलम यादव की टीम जिम्मेदारी संभालेगी। प्रशिक्षण प्राप्त कोरोना चैंपियन वीडियो के जरिये समाज में यह संदेश देंगे कि इस बीमारी के प्रति भय और भ्रांति पालने की आवश्यकता नहीं है।

मूल रूप से गोरखपुर निवासी और प्रशिक्षण के प्रतिभागी कोरोना चैंपियन अखंड प्रताप ने बताया कि स्वास्थ्य महकमे का यह प्रयास निःसंदेह समाज का मनोबल बढ़ाएगा। वह पत्नी समेत खुद कोरोना संक्रमित रह चुके हैं। उन्होंने बताया, ‘‘कोरोना के प्रति भय-भ्रांति को समाप्त करने में और समाज को मनोवैज्ञानिक तौर पर मजबूत करने में यह पहल काफी सार्थक होगी। संदेशों के जरिये यह प्रचारित किया जाएगा कि कोरोना संक्रमण से पूर्व और अगर संक्रमित हो गये हैं तब, लोगों की क्या भूमिका होनी चाहिए और किस प्रकार की सावधानियां रखनी हैं।’’

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय ने बताया कि वेक्टर बॉर्न डिजीज प्रोग्राम के निदेशक डॉ. राजेंद्र कपूर की वर्चुअल मौजूदगी में विषय विशेषज्ञ डॉ. निर्मल सिंह, संगीता आनंद, भाई सैली, गीताली त्रिवेदी, सोनाली और अमिय शंकर ने प्रतिभागियों को कई उपयोगी जानकारियां दीं है। सरकार के दिशा-निर्देशों और प्रशिक्षण में प्राप्त जानकारियों के आधार पर अभियान तेज किया जाएगा।

यह मुख्य संदेश देंगे चैंपियन

• कोविड किसी को भी हो सकता है। अगर लक्षण मिले तो छुपायें नहीं, बल्कि आशा कार्यकर्ता या चिकित्सक को सूचित करें और उनकी सलाह का पालन करें।
• अगर कोविड का लक्षण दिख रहा है तो चिंता स्वाभाविक है लेकिन यह भी ध्यान रहे कि ज्यादातर लोग इससे अपने आप ठीक हो जाते हैं।
• कोविड केस लगातार बढ़ने की वजह है कि लोग कोविड की जानकारी छुपाते हैं, अफवाहों पर भरोसा करते हैं, फिजिकल डिस्टेंसिंग, मॉस्क पहनने और बार-बार हाथ धोने जैसा सुरक्षा व्यवहार नहीं अपनाते।
• सकारात्मक सोच बनाये रखने से बीमारी से लड़ने के लिए उर्जा मिलती है और दूसरों की भी सुरक्षा कर सकते हैं।
• क्वारन्टाइन की सलाह का पूरी तरह से पालन करें। इस दौरान घर में सभी से दो गज की दूरी बना कर रखें। हमेश से मॉस्क लगायें और अपनी चीजें दूसरे से साझा न करें।
• कोविड पॉजीटिव व्यक्ति के घर को स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसलिये चिन्हित किया जाता है ताकि उस घर और आसपास के लोग अपनी सुरक्षा कर सकें।
• कोविड के कारण भेदभाव होने पर लोग महत्वपूर्ण जानकारी छुपाते हैं जो उनमें सामाजिक अलगाव और एकाकीपन की भावना उत्पन्न कर सकती है। इससे वायरस के फैलाव की स्थिति और भी खराब हो सकती है।