समाचार

देवरिया जिले में अब तक 95194 लोगों की कोविड-19 जांच, स्वस्थ होने की  दर 80 फीसदी 

देवरिया।  जिले में अब तक 5315 लोग कोविड-19 पजिटिव हो चुके हैं जिसमें से 4376 कोरोना को मात देकर सकुशल घर लौट गए। जिले में अब तक 95194 लोगों की कोरोना जाँच हो चुकी है।
 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक पांडेय ने बताया है कि जिले में कोरोना से स्वस्थ होने की दर 80 फीसदी तक पहुंच गई है।  मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि जिले में 17 सितंबर तक  95194 लोगों की कोरोना जाँच कराई गई है। जिसमे 5315 लोंगो की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटव आई। अब तक 4376 कोरोना उपचराधीन मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुकें है। अभी भी 880 कोरोना उपचाराधीन मरीजों का इलाज चल रहा है।
सीएमओ ने बताया कि अधिक से अधिक लोगों की कोरोना जाँच हो  इसके लिए जिला अस्पताल सहित जिले के 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर 17 आरटी-पीसीआर की सैम्पलिंग की जाती  है। इसके साथ ही जिला अस्पताल में ट्रूनेट मशीन भी लगाई गई है जहां लोंगो की लगातार जांचें हो रहीं हैं। उन्होंने बताया कि सेन्ट्रल एकेडमी एल-1 हॉस्पिटल में 97 और जिला अस्पताल के मैटरनल चाइल्ड हेल्थ (एमसीएच) विंग  के  एल-2 हॉस्पिटल में 10 कोरोना उपचाराधीन मरीजों का इलाज चल रहा है। वहीँ 631 कोरोना उपचाराधीन मरीजों को होम आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जा रहा है। जिनकी देखरेख के साथ ही मेडिकल किट रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) के जरिये उनके घर  पहुंचाई जा रही है।
इसके आलावा कोरोना उपचाराधीन मरीजों उचित देखभाल और  चिकित्सकीय परामर्श के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में एकीकृत कोविड कमांड कंट्रोल सेंटर की स्थापना की गई है, जहाँ चिकित्सकों द्वारा आइसोलेशन सेंटर और होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना उपचाराधीन मरीजों का नियमित रूप से हालचाल लिया जा रहा है और मॉनीटरिग की जा रही है। उपचाराधीन मरीजों को चिकित्सीय परामर्श भी दिया जा रहा है।
36 आरआरटी  कर रहीं कार्य 
प्रशासन ने 36  रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) का गठन किया है। टीम ने होम आइसोलेशन में रह रहे हर व्यक्ति तक मेडिकल किट पहुँचाया जाता है । इसके साथ ही चिकित्सक नियमित रूप से होम आइसोलेशन में रहने वाले व्यक्ति को जागरूक करते रहे। एचआईवी ,कैंसर पेसेंट, प्रत्यारोपण प्राप्तकर्ता को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं है। मेडिकल ऑफिसर के उचित मूल्यांकन के बाद ही इन मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाती है। 60 साल से ऊपर और 10 वर्ष से कम  के मरीजों को होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराया जा रहा है।