विधानसभा चुनाव 2022

भाकपा (माले) का चुनाव घोषणापत्र जारी, कानून के शासन और लोकतंत्र के लिए भाजपा को हराने का आह्वान

वाराणसी। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपना चुनाव घोषणापत्र 2022 आज जारी किया। इसमें युवाओं को रोजगार के मुद्दे पर फोकस किया गया है। साथ ही, नफरत की राजनीति के खिलाफ कानून के शासन और लोकतंत्र के लिए मतदाताओं से भाजपा को हराने का आह्वान किया गया है।
घोषणापत्र वाराणसी और लखनऊ से मंगलवार को एक साथ जारी किया गया। वाराणसी में पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य व पूर्व राज्य सचिव रामजी राय व वर्तमान प्रदेश सचिव सुधाकर यादव ने संवाददाता सम्मेलन में इसे जारी किया।
16 पृष्ठों के घोषणापत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी के शासन में विकास सिर्फ कागजों में हुआ है, हकीकत में प्रदेश पीछे गया है। पांच वर्षों में रोजगार बढ़ने के बजाय घटे हैं। लाखों पद रिक्त हैं, मगर युवाओं को रोजगार मांगने पर लाठियां मिलीं। 69,000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला हुआ। भाजपा सरकार निजीकरण की मुहिम चला कर बचे-खुचे आरक्षण को भी खत्म कर रही है।
घोषणापत्र में कहा गया है कि योगी सरकार में प्रदेश न सिर्फ महिला-दलित उत्पीड़न, बल्कि हिरासती हत्याओं, फर्जी मुठभेड़ों और मानवाधिकार हनन में अव्वल बन गया। भाजपा जनता के ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए चुनाव के मौके पर साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण कराना चाहती है। इसके लिए राम मंदिर की झांकी दिखाने से लेकर काशी-मथुरा को उछाल रही है।
घोषणापत्र के अनुसार, छह महीने का मुफ्त राशन दिलाकर भाजपा चाहती है कि डबल इंजन सरकार की डबल विफलता को विस्मृत करा दिया जाए – उन्नाव, हाथरस, लखीमपुर खीरी भुला दिया जाए, कोरोना से मौतें, गंगा में तैरती लाशें और प्रवासी मजदूरों की पीड़ा, किसान आंदोलन में शहादतें, सोनभद्र का उभ्भा नरसंहार, दबंगों-दंगाइयों को सत्ता संरक्षण, योगी का पुलिस राज और अघोषित इमरजेंसी भुला दी जाए।
घोषणापत्र में रोजगार के अलावा आसमान छूती महंगाई, बढ़ती आर्थिक असमानता और किसानों को एमएसपी की गारंटी को भी मुद्दा बनाया गया है। मतदाताओं से जनसंघर्षों की आवाज को बिहार विधानसभा की तरह यूपी की विधानसभा में भी गुंजाने के लिए भाकपा (माले) के प्रत्याशियों को जिताने की अपील की गई है।
पार्टी ने वादा किया है कि चुने जाने पर उसके विधायक सदन के भीतर व बाहर जनता से जुड़े मुद्दों पर संघर्ष को तेज करेंगे।
घोषणापत्र जारी करते हुए नेताओं ने कहा कि भाजपा-विरोधी मतों का बंटवारा रोकने और भाजपा की हर सुनिश्चित करने के लिए भाकपा (माले) इस चुनाव में अपेक्षाकृत कम सीटों पर ही प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी ने ग्यारह सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है, जो माले के संघर्षों के प्रमुख क्षेत्र हैं। इनमें से चार सीटों की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। ये सीटें हैं – जालौन में कालपी, लखीमपुर खीरी में पलिया, सीतापुर में हरगांव (सु0) और रायबरेली सदर। शेष सीटें की घोषणा भी, जो अधिकतर पूर्वांचल की होंगी, शीघ्र कर दी जाएगी।
घोषणापत्र को पोलित ब्यूरो सदस्य का. राम जी राय, पार्टी राज्य सचिव का. सुधाकर यादव, ऐपवा राज्य सचिव का. कुसुम वर्मा एवं आइसा के प्रदेश अध्यक्ष का. आयुष ने जारी किया। प्रेसवार्ता में भाकपा ( माले) के जिला सचिव का. अमरनाथ राजभर, राज्य कमेटी सदय का. मिठाईलाल, शहर प्रभारी का. कमलेश यादव, का. निहार भट्टाचार्य, विभा वाही एवं जौनपुर जिला प्रभारी का. गौरव आदि सदस्य शामिल रहे।

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