श्रम विभाग कार्यालय पर प्रदर्शन कर मजदूरों ने 15 हजार न्यूनतम मजदूरी की मांग की

गोरखपुर। बिगुल मजदूर दस्ता और टेक्सटाइल वर्कर्स यूनियन के नेतृत्व में मजदूरों ने न्यूनतम मजदूरी 15 हजार करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर 25 फरवरी को श्रम विभाग कार्यालय में धरना-प्रदर्शन कर सहायक श्रम आयुक्त को छह सूत्रीय मांग पत्र सौंपा।

बिगुल मजदूर दस्ता के राजू कुमार ने कहा कि आज के दौर में औद्योगिक इकाइयों के लिए श्रम कानूनों का कोई विशेष महत्व नहीं रह गया है, श्रम विभाग के नाक के नीचे श्रम कानूनों का उल्लंघन होता है। औद्योगिक इकाइयों की आज यह स्थिति है कि जब चाहे काम पर रखो जब चाहे बाहर कर दो किसी से पूछने की कोई जरूरत नहीं है पिछले 2 सप्ताह से वी.एन डायर्स प्रोसेसर्स प्राइवेट लिमिटेड बरगदवा के मजदूर कारखाने के अंदर श्रम कानून का सख्ती से पालन हो इसके लिए आंदोलनरत हैं।

आज सहायक श्रम आयुक्त की मजदूरों से वार्ता हुई सहायक श्रम आयुक्त ने प्रबंधन को 3 /3/21 को मजदूरों और श्रम अधिकारियों के समक्ष मजदूरों की समस्याओं पर बातचीत करने के लिए उप श्रमायुक्त कार्यालय में बुलाने की नोटिस दी है।

टेक्सटाइल वर्कर्स यूनियन के अजय मिश्रा ने कहा कि मजदूरों की तरफ से 6 सूत्री मांग पत्र सहायक श्रम आयुक्त के सामने प्रस्तुत किया गया है ।जब तक यह मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। हमारी मांग है कि श्रम विभाग सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखे की न्यूनतम मजदूरी कम से कम 15000₹की राशि हो, अरुण चौबे,संजय पाठक ,आकाश चौबे का बिना किसी कारण गेट बंद किया गया है उसको तत्काल खोला जाय, कारखाने के अंदर जिन मजदूरों को अर्ध कुशल की श्रेणी में रखा गया है वह आपरेटर उनको कुशल की श्रेणी में रखा जाय, कारखाने में मजदूरों के लिए मेडिकल के उपचार की व्यवस्था की जाए,  कारखाने के अंदर कार्यरत कैजुअल और ईएसआई, ईपीएफ धारी मजदूरों का जिनकी संख्या लगभग 400 से 450 है, सभी मजदूरों को लॉक डाउन की बंदी और सेनीटाइजर के कारण बंदी को शामिल कर 240 दिन का ना करके कम से कम 200 दिन के पीएल की राशि का भुगतान किया जाय। जो मजदूर कारखाने में छः, सात ,आठ साल से काम कर रहे हैं उनका ईएसआई, इपीएफ कैंप लगाकर काटा जाय।