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डॉ. सम्पूर्णानंद मल्ल का आमरण अनशन जारी, कुशीनगर के बौद्ध भिक्षु महाकश्यप भंते ने समर्थन दिया

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व संविदा शिक्षक डॉ. सम्पूर्णानंद मल्ल का आमरण अनशन सोमवार को बारहवें दिन भी जारी रहा। वे डीडीयू के कुलपति को बर्खास्त किए जाने ,शिक्षको के निलंबन और वेतन कटौती और प्री पी एच डी शोधार्थियों पर दर्ज आपराधिक मुकदमे की वापसी व उनके परीक्षा अधिकार की बहाली की मांग कर रहे हैं।

जिला अस्पताल में , चिकित्सकों की गहन निगरानी में बारहवें दिन आमरण अनशन कर रहे सम्पूर्णानंद को पिछले दिनों से प्रशासन द्वारा जिला अस्पताल के हृदय रोग विभाग में भर्ती कराया गया है।

सोमवार को कुशीनगर के बौद्ध भिक्षु महाकश्यप भंते ने जिला अस्पताल में डॉ मल्ल से मिलकर उन्हें समर्थन दिया। भन्ते ने कहा कि सत्य और अहिंसा के मार्ग पर अडिग रहने वालों के साथ भगवान बुद्ध का आशीर्वाद निरंतर बना रहता है।
गांधी विचार मंच के एडवोकेट टी एन शाही ने भी डॉ मल्ल को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों को आत्मसात कर सत्य, और अहिंसा के मार्ग पर अडिग रह इस सत्याग्रह के कठिन व्रत को पूर्ण करने में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर चितरंजन मिश्रा ने भी डॉ मल्ल के सत्याग्रह को पूर्ण रूपेण समर्थन देते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र पर भरोसा रखिए, इंसाफ होगा, न्याय मिलेगा। सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता। जम्हूरियत में तानाशाही का कोई स्थान नहीं है।

डॉ मल्ल ने सभी शुभचिंतकों का आभार जताते हुए कहा कि पूर्णिया में पूर्व कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह के विरुद्ध जांच संस्थित है। फिर भी इनको डीडीयू विश्वविद्यालय गोरखपुर का कुलपति क्यों औऱ किसने बनाया?
इनके प्रत्येक कार्य  पर सवाल खड़े है।  विश्विद्यालय के आचार्य, विद्यार्थी, शोधार्थी सभी इनके बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं। मैंने मंडलायुक्त, जिलाधिकारी समेत समस्त प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही महामहिम कुलाधिपति /गवर्नर महोदया को मैंने अनेक प्रार्थना पत्र प्रेषित किए परंतु मेरे एक भी पत्र का कोई जवाब नहीं मिला।

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