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डॉ. सम्पूर्णानंद मल्ल का आमरण अनशन जारी, प्रबुद्ध वर्ग से समर्थन की अपील 

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व संविदा शिक्षक डॉ. सम्पूर्णानंद मल्ल का आमरण अनशन शनिवार को दसवें दिन भी जारी रहा। वे डीडीयू के कुलपति को बर्खास्त किए जाने ,शिक्षको के निलंबन और वेतन कटौती के साथ ,प्री पी एच डी शोधार्थियों पर दर्ज आपराधिक मुकदमे की वापसी एवँ उनके परीक्षा अधिकार की बहाली की मांग कर रहे हैं।

जिला अस्पताल में , चिकित्सकों की गहन निगरानी में दसवें दिन आमरण अनशन कर रहे सम्पूर्णानंद को पिछले दिनों से प्रशासन द्वारा जिला अस्पताल के हृदय रोग विभाग में भर्ती कराया गया है।

आमरण अनशन के दसवें दिन डॉ मल्ल ने समाज के प्रबुद्ध वर्ग से नैतिक समर्थन की अपील की है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया में पूर्व कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह के विरुद्ध जांच संस्थित है फिर इनको डीडीयू विश्वविद्यालय गोरखपुर का कुलपति क्यों औऱ किसने बनाया ? इनके प्रत्येक कार्य की शुचिता पर सवाल खड़े है। विश्विद्यालय के आचार्य, विद्यार्थी, शोधार्थी सभी इनके बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं। मैंने मंडलायुक्त, जिलाधिकारी समेत समस्त प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही कुलाधिपति /गवर्नर को अनेक प्रार्थना पत्र प्रेषित किए परंतु मेरे एक भी पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। क्या इस लोकतंत्र में मुझे जवाब पाने का भी अधिकार नहीं है? मैं कैसे महसूस करूं कि मैं एक लोकतांत्रिक देश का नागरिक हूं। मैं यह जानता हूं, कि जवाबदेहीहीन लोकतंत्र ठूंठ पेड़ के समान है। ऐसे में अब समाज के प्रबुद्ध जनों का नैतिक समर्थन लगातार मेरा मनोबल मजबूत बना रहा है। मेरे आमरण अनशन का आज दसवां दिन है। मेरी प्राण शक्ति कमजोर होती जा रही है। प्रबुद्ध वर्ग की प्रेरणा से मेरा आमरण अनशन इस तानाशाह एवं भ्रष्ट कुलपति के बर्खास्त होने तक जारी रहेगा।

डॉ मल्ल के गंभीर हालत के दृष्टिगत, मानदेय शिक्षक संघ गोरखपुर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ दुर्गा प्रसाद यादव, राजीव गांधी स्टडी सर्किल गोरखपुर के समन्वयक डॉ प्रमोद कुमार शुक्ला, डीडीयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष अमन यादव, समेत कमलकांत राव, मनदीप राय, डॉ. विजयश्री मल्ल, डॉ. रवींद्र पीएस, अमर सिंह, विश्वेश राजरत्नम, प्रशांत मौर्य, सुधीर मद्धेशिया, पप्पू गुप्ता, शंभू नाथ वर्मा, कृतिका सिंह आदि शोधार्थियों ने भी अपना समर्थन दिया।

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