स्वास्थ्य

कालाजार से बचाव के लिए गांवों में दवाइयों का छिड़काव शुरू

देवरिया। कालाजार उन्मूलन के लिए विभाग सजग हो गया है। कालाजार की वाहक बालू मक्खी से बचाव के लिए दवा छिड़काव का काम शुरू कर दिया गया है। जनपद के प्रभावित गांवों में अल्फ़ा साईपर मेथारिन दवा का छिड़काव गांवों लगातार किया जा रहा है।

जिला मलेरिया अधिकारी शिव प्रसाद तिवारी ने बताया कि जिले के कालाजार प्रभावित सात ब्लाकों के गाँवो में अल्फ़ा साईपर मेथारिन दवा का छिड़काव किया जा रहा है। भाटपाररानी ब्लाक का टडवा गांव, भटनी ब्लाक का बनकटा शिव, पिपरा बिट्ठल व बनकटा ब्लाक के सुन्दरपार, रामपुर बाजार, खुरवसिया उत्तर, खुरवसिया दक्षिण पट्टी, बैंकुंठपुर, पकड़ी नरहियां, जानकी कुटियाभर, नियरवा, सिकटियां बाजार, राजापुर,गजहड़वा, पकड़ी बाजार, कड़सरवा बुजुर्ग गांव व महेन सहित पथरदेवा, भलुअनी ब्लाक के गांव कालाजार से प्रभावित रहे हैं।

क्या है कालाजार

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि कालाजार बालू मक्खी से फैलने वाली बीमारी है। ये मक्खी नमी वाले स्थानों पर अंधेरे में पाई जाती है। यह तीन से चार फीट ही उड़ पाती है। इसके काटने के बाद मरीज बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है और रुक-रुक कर बुखार चढ़ता-उतरता है। पंद्रह दिन से अधिक समय तक अगर एंटी बायोटिक व एंटी मलेरियल दवा खाने के बाद बुखार नहीं ठीक हो रहा है तो मरीज को चिकित्सक को दिखाना चाहिए। इस बीमारी में मरीज का पेट फूल जाता है। भूख कम लगती है। शरीर काला पड़ जाता है। बालू मक्खी से बचाव के लिए घर में छिड़काव करवाना चाहिए, जिससे मक्खियां मर जाए।

समय-समय पर चलता है अभियान

सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि ने बताया कि समय-समय पर सक्रिय रोगी खोजी अभियान के तहत मुख्यालय की टीम द्वारा लगातार गांवों में भ्रमण कर कैम्प लगाकर रोगियों की जाँच आरके 39 किट से किया जाता है। बालू मक्खी जमीन से छह फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता हैं। इसलिए छिड़काव घर के अंदर तथा बाहर छह फीट तक कराना चाहिए। छिड़काव के बाद तीन माह तक घर का लीपापोती नहीं करनी चाहिए।

आज बनकटा जाएगी बीएमजीएफ की टीम

सहायक मलेरिया अधिकारी सुधाकर मणि ने बताया की मंगलवार को बीएमजीएफ ( बिल एण्ड मिलेंडा गेट्स फाउंडेशन) की टीम बनकटा ब्लाक के कालाजार प्रभावित गांवों में जाकर रोगियों से मुलाकात कर उनका हाल जानेगी। टीम में राज्य कार्यक्रम अधिकारी कालाजार डॉ बीपी सिंह, डॉ कैला, डॉ विलियम बिल, पाथ संस्था के डॉ सुधांशु, डॉ सचिन मौजूद रहेंगे।

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