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संचारी रोगों का उन्मूलन सामुदायिक सहयोग से ही संभव -अतुल मुरारी 

विश फाउंडेशन ने डेंगू के रोकथाम के प्रयासों की जानकारी दी 

गोरखपुर। कोरोना हो या फिर डेंगू जैसा कोई भी संचारी रोग हो, इन सभी का उन्मूलन सामुदायिक सहयोग से ही संभव है। स्वयंसेवी संस्थाएं इसमें अहम भूमिका निभा रही हैं।

उक्त बातें गोखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष अतुल मुरारी तिवारी ने कहीं। वह गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब और विश फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मीडिया कार्यशाला को संबंधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि बीमारियों के उन्मूलन में जनजागरूकता की अहम भूमिका होती है और इस काम में सरकार का स्वयंसेवी संस्थाएं पुरजोर मदद कर रही हैं।

विशिष्ट अतिथि और प्रेस क्लब महामंत्री मनोज यादव ने कहा कि डेंगू की रोकथाम में सामुदायिक स्तर पर विश फाउंडेशन और मीडिया संचार के स्तर पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) का अहम योगदान रहा है।

विश फाउंडेशन के प्रोग्राम मैनेजर अंजुम गुलवेज ने कहा कि संस्था के तीन साल के कार्यकाल में डेंगू की रोकथाम में संचार के स्तर पर गोरखपुर की मीडिया ने सदैव सकारात्मक भूमिका का निर्वहन किया है।

प्रोग्राम मैनेजर अंजुम गुलवेज ने संस्था के तीन साल के कार्यों के बारे में मीडिया को विस्तार से बताया और अपील की कि सामुदायिक व्यवहार परिवर्तन में मीडिया की यह भूमिका बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डेंगू का कोई इलाज नही हैं किन्तु अधिकांश मरीज़ ठीक हो जाते हैं। जनजागरूकता के माध्यम से इस बीमारी से लोगों का बचाव किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि चूंकि नवंबर तक संचारी रोगों जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि का शहरी क्षेत्र में खतरा बना रहता है और इस समय बारिश भी शुरू हो गयी है, इस लिहाज से समुदाय को इन बीमारियों के प्रति संवेदीकृत करना बेहद आवश्यक है। इसके लिए उनकी संस्था के सहयोग से डेंगू के बारे में जिले के कुल 441 चिकित्सक, 2122 आशा, एएनएम, 240 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 389 फार्माशिस्ट प्रशिक्षित किये जा चुके हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि उनके संस्थागत सर्वे में भी शहरी क्षेत्र के पचास फीसदी घरों में डेंगू के वाहक मच्छरों के ब्रीडिंग साइट्स पाए जा चुके हैं जिन्हें नष्ट कराया जा चुका है। पिछले साल संस्था की मदद से 42327 घरों में जाकर सर्वे किया गया था। कुल 10190 कूलर जबकि 12321 फ्रीज चेक किये गये। इनमें से 21751 मच्छरों के ब्रीडिंग साइट्स पाए गए जिन्हें लोगों को जागरूक कर नष्ट करवाया गया। जिन घरों में सर्वे किया गया वहां से 3235 लोग बुखार के रोगी पाए गए। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कूलर, फ्रीज, गमला, छत पर फेके गये टायर आदि में साफ पानी न इकट्ठा होने दें। डेंगू के मच्छर का लार्वा पनपने के लिए एक चम्मच साफ पानी ही काफी है, इसलिए सभी को साफ पानी के जमाव से सतर्क रहना होगा।

प्रोग्राम मैनेजर अंजुम गुलवेज ने आयोजन में सक्रिय सहयोग के लिए प्रेस क्लब के अध्यक्ष मार्कंडेय मणि त्रिपाठी के प्रति खासतौर से आभार जताया। कार्यक्रम को सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) संस्था के रीजनल कोआर्डिनेटर वेद प्रकाश पाठक ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्रेस क्लब कार्यकारिणी से दीपक त्रिपाठी, अंगद प्रजापति, बैजू गुप्ता, संजय कुमार, निखिलेश प्रताप सिंह, चंदन, विश फाउंडेशन की तरफ से विनीत कुमार और विकास कुमार सहित दर्जनों पत्रकार मौजूद रहे।