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20 दिन में तेजी से बढ़ा इंसेफेलाइटिस का ग्राफ, गोरखपुर मंडल में एईएस/जेई के 137 नए केस

गोरखपुर। गोरखपुर मंडल में एक पखवारे से इंसेफेलाइटिस का ग्राफ बाड़ी तेजी से बढ़ा है। गोरखपुर मण्डल के चार जिलों में सिर्फ 20 दिन में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के 121 और जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) के 16 नए केस आए हैं। इस अवधि में आठ लोगों की एईएस और जेई से मौत भी हो गई।

गोरखपुर मंडल में इस वर्ष एक जनवरी से 14 सितम्बर तक एईएस के 549 और जापानी इंसेफेलाइटिस के 35 केस रिपोर्ट हुए हैं। इस अवधि में एईएस से 24 और जेई से एक की मौत हुई है। जेई और एईएस से सबसे अधिक प्रभावित बच्चे ही हुए हैं।

अगस्त के दूसरे पखवारे के बाद एईएस और जेई का प्रकोप बहुत तेजी से बढ़ा है। अगस्त के आखिरी पखवारे यानि 24 अगस्त तक गोरखपुर मंडल के सभी चार जिलों से एईएस के 428 केस और 17 मौत रिपोर्ट हुई थी। इस अवधि में जेई के 19 केस आए थे और इसमें से किसी की भी मौत नहीं हुई थी। लेकिन 20 दिन के अंदर ही एईएस के 121 और जेई के 16 नए केस रिपोर्ट हुए हैं।

जेई के 16 नए केस में 10 केस देवरिया जिले से रिपोर्ट हुआ है जबकि कुशीनगर से चार और महराजगंज से दो नए केस रिपोर्ट हुए हैं।

एईएस के केस सभी जिले में बढ़े हैं। कुशीनगर जिले में 20 दिन में 37, देवरिया में 36, गोरखपुर में 25 और महराजगंज में 23 नए केस रिपोर्ट हुए हैं।

गोरखपुर मंडल में एईएस से सबसे अधिक 10 मौतें गोरखपुर जिले में हुई हैं। देवरिया में तीन, कुशीनगर में छह और महराजगंज में पांच लोगों की मौत एईएस से हुई है।

जापानी इंसेफेलाइटिस से एक मात्र मौत महराजगंज जिले में दर्ज की गई है।

पिछले वर्षों की तुलना करें तो निश्चित रूप से एईएस और जेई के केस कम हुए हैं लेकिन इस वर्ष अगस्त के बाद सितम्बर महीने में जिस तेजी से नए केस रिपोर्ट हो रहे हैं उससे इस आशंका को बल मिल रहा है कि इंसेफेलाइटिस एक बार फिर अपने पांव तेजी से पसार रहा है।

पिछले दो वर्षों से गोरखपुर मंडल के चारों जिलों में एक हजार से कम एईएस केस रिपोर्ट हुए थे। वर्ष 2019 में एईएस के 931 केस और 52 मृत्यु तथा वर्ष 2020 में 913 केेस व 52 मृत्यु दर्ज की गई थी। इसी तरह जापानी इंसेफेलाइटिस के वर्ष 2019 में 145 केस और 16 मृत्यु तथा 2020 में 52 केस व 6 मृत्यु दर्ज की गई थी।