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लक्ष्मीगंज चीनी मिल को चलवाने के लिये बारिश के बीच भी जारी है किसानों का आन्दोलन

कुशीनगर. लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल को चलवाने के लिये भारतीय किसान यूनियन {भानु) द्वारा चलाया जा रहा धरना प्रदर्शन 47वें दिन भी झमाझम बारिश में जारी रहा.

  धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता प्रभु भारती और संचालन हरि जी द्वारा किया गया. इस मौके पर किसानों ने कहा कि किसानों के विषय में सोचने के लिये मुख्यमंत्री के पास वक्त नहीं है. वह तो सिर्फ अपने संसदीय क्षेत्र गोरखपुर के ही मुख्यमन्त्री है. कुशीनगर के जनता से उन्हें कुछ लेना देना नही है. वह सिर्फ अपने संसदीय क्षेत्र के विकास में लगे हुए है.जबसे वह मुख्यमन्त्री बने है तबसे उन्हें जनपद कुशीनगर के किसानों से कोई वास्ता ही नही है लेकिन जब जब लोकसभा या विधानसभा का चुनाव आता है उस समय तो कुशीनगर के किसान उन्हें भगवान नजर आते है और जब चुनाव उनकी पार्टी जीत जाती है तो वह कुशीनगर के किसानों को भूल जाते हैं.

किसानों ने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय उन्होंने कप्तानगंज से चुनावी भाषण में कहा था की यदि बीजेपी की सरकार केंद्र में बन जाती है तो हम जनपद कुशीनगर की बन्द चीनी मिलों को चलवायेंगें लेकिन इस दिशा में सरकार की ओर से कोई पहल होती नहीं दिख रही ह.

भारतीय किसान यूनियन भानु के जिलाध्यक्ष रामचंद्र  सिंह ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जब इस क्षेत्र के जनता, प्रतिनिधि, सांसद और विधायक दोनों ने अपने अपने स्तर से लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल चलवाने के लिये मांग कर दिया है तो मोदी और योगी सरकार को बिना समय गवाए लक्ष्मीगंज चीनी मिल को चलवाने के लिये घोषणा कर देनी चाहिए.

श्री सिंह ने कहा की जो हमारा राष्ट्रीय महापंचायत एक अगस्त 2019 को लक्ष्मीगंज बन्द चीनी को चलवाने के लिये लगाया जा रहा है. इससे प्रशासन परेशान है.  सूबे की योगी सरकार किसानों के हुंकार से डर गयी है और यही कारण है की जनपद में धारा 144 लागू कर दिया गया ताकि किसान चीनी मिल को चलवाने के लिए सड़क जाम या रेल रोको अभियान जैसे कार्यवाही न कर सकें.

इस मौके पर रामनारायण यादव, बबलू खान, कृष्ण गोपाल चौधरी, रामरतन यादव, हरी कृष्ण यादव, मोह्फील अंसारी, कुदुश अंसारी, रामाधार प्रसाद, चेतई प्रसाद, मैना देवी, अबरार अंसारी, चान्दबली गौड़, सरल मियां, मैना देवी, बुधिया देवी, शिवराजी देवी, सुमित्रा देवी, शाह्बूननेशा, गुलैची देवी, अनीता देवी, रम्भा देवी, कौशल्या देवी, राजली देवी के साथ साथ अन्य किसान और कार्यकर्ता मौजूद रहे|

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