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बुद्ध की 2563वीं जयंती पर देश-दुनिया से कुशीनगर पहुंचे अनुयाई

कुशीनगर. गौतम बुद्ध की 2563 वीं जयंती पर शनिवार को उनकी महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर धम्मम शरणम् गच्छामि…बुद्धम शरणम् गच्छामि…संघम शरणम् गच्छामि से गुंजायमान हो उठी. पुरे दिन विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों व धार्मिक अनुष्ठान में देश दुनिया के कई कोनों से आए बौद्ध अनुयाइयों ने भाग लिया.

महापरिनिर्वाण मन्दिर में हुई विशेष पूजा में विश्व शांति व समरस समाज की कामना की गई. इस दौरान निकली शोभा यात्रा में म्यांमार, श्रीलंका, थाइलैण्ड, नेपाल, महाराष्ट्र आदि जगहों के बौद्ध अनुयाई शामिल हुए.

कुशीनगर के जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह, भिक्षु संघ के अध्यक्ष अग्गमहापण्डित भदन्त ज्ञानेश्वर महाथेरो ने बौद्ध रीतिरिवाज से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया. धम्म सभा में भदन्त ज्ञानेश्वर ने कहा आज का दिन विश्व का ऐतिहासिक दिन है. आज ही बैशाख पूर्णिमा को भगवान बुद्ध का जन्म हुआ, उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और उन्हें निर्वाण भी प्राप्त हुआ.

पूरी दुनिया के बौद्ध अनुयाई आज के दिन विशेष पूजा कर समस्त मानव समाज की भलाई, विश्व शांति की कामना कर रहे हैं.

जिलाधिकारी ने कहा कि बुद्ध के सन्देश आज भी पूरी दुनिया में प्रासंगिक है. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक पांडेय ने बुद्ध को ऐसा महामानव बताया जिन्होंने अपना पूरा जीवन दुनिया से अस्पृश्यता, भेदभाव और कुरीतियों को खत्म करने में लगाया. भिक्षु महेंद्र, भिक्षु फ्रा राज रत्न, पी खोमसंग,भिक्षु अस्स, शारदा यादव, आरएम गुप्ता, पंकज सिंह, ब्रजेश मणि त्रिपाठी, अम्बिकेश त्रिपाठी,भन्ते नगीना , ओमप्रकाश कुशवाहा समेत भिक्षु संघ, पर्यटन, पुरातत्व व प्रशासन के अनेक लोग शामिल हुए.

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